विद्या भारती राजस्थान की पूर्व छात्र परिषद का ऑनलाइन वक्ता प्रशिक्षण
अजमेर। जिस तरह स्वाधीनता से पहले प्रत्येक राष्ट्रभक्त के लिए स्वाधीनता की भावना प्रेरणा का मुख्य स्रोत हुआ करती थी उसी तरह स्वाधीनता के बाद अखंड-भारत का स्वप्न प्रत्येक राष्ट्रभक्त के लिए प्रेरणा का मुख्य स्त्रोत होना चाहिए और इस स्वप्न को साकार करने के लिए उसने सतत क्रियाशील रहना चाहिए। यह विचार बुधवार को विद्या भारती राजस्थान क्षेत्र की पूर्व छात्र परिषद द्वारा अखंड भारत विषय पर आयोजित ऑनलाइन वेबीनार में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए विद्या भारती संस्थान अजमेर के सह सचिव और विद्या भारती चित्तौड़ प्रांत के पूर्व छात्र प्रमुख भूपेन्द्र उबाना ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कुछ लोगों को छोड़कर आज आम जनता अखण्ड-भारत का विचार ही नहीं करती। इसका कारण यह है कि भारत विभाजन को स्थापित सत्य (settled fact) मान लिया गया है। लोग स्वीकार तो करते हैं कि भारत का विभाजन एकदम गलत है, यह नहीं होना चाहिए था, परन्तु अब क्या किया जा सकता है? विभाजन तो हो गया। अब फिर से भारत को अखण्ड थोड़े ही किया जा सकता है।
इसी विचार के कारण लोग विभाजन और अखण्ड-भारत के बारे में सोचते ही नहीं। इसलिए सब से पहले लोगों के मनों से इस ‘स्थापित सत्य’ वाली बात को निकालना होगा। उन्होंने इजराइल, जर्मनी जैसे देशों का उद्धरण देकर बताया की अठारह सौ वर्षों बाद इजराइल और लगभग 50 वर्षों में जर्मनी जब अपनी खोई मातृभूमि प्राप्त कर सकते हैं तो भारत भी कर सकता है आवश्यक है केवल यह स्वप्न प्रत्येक भारतीय का स्वप्न बनाने की।
इस अवसर पर विद्या भारती राजस्थान के पूर्व छात्र संयोजक डॉ.सुनील कुमार जांगिड़ ने सम्पूर्ण राजस्थान के सभी जिलों से जुड़े 100 से अधिक पूर्व छात्र प्रतिनिधियों को आव्हान किया को अपने जिले के सभी विद्यालयों में पूर्व छात्र परिषदों को सक्रिय कर आगामी 1 अगस्त से 15 अगस्त तक अखंड भारत पखवाड़े के प्रभावी आयोजन विद्यालयों में संपन्न करवाएं। इस संबंध में पोस्टर मेकिंग,डॉक्यूमेंट्री दर्शन,व्याख्यान,प्रबुद्ध जन गोष्ठी अथवा पूर्व छात्रों की गोष्ठी जैसे कार्यक्रम संपन्न करवाएं जाने हैं।
कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती चित्तौड़ प्रांत के संरक्षक डॉ विक्रम मेनारिया ने किया। इस ऑनलाइन आयोजन में तीनो प्रांतों के पूर्व छात्र संयोजक सह संयोजक सहित विद्या भारती राजस्थान द्वारा संचालित विद्या मंदिरों की सक्रिय पूर्व छात्र परिषदों के 100 से अधिक पदाधिकारी सम्मिलित हुए सभी ने उत्साह से अखंड भारत पखवाड़ा संपन्न करने का संकल्प लिया।