नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के विरुद्ध सैन्य अभियान-ऑपरेशन सिन्दूर के बाद सोमवार को पहली बार देशवासियों को संबोधित करते हुए आज दो टूक शब्दों में कहा कि भारत पाकिस्तान से परमाणु हमले की धमकी से ब्लैकमेल नहीं होगा और यदि उसे बचना है तो आतंकवादी ढांचे का सफाया करना ही होगा।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी साफ तौर कहा कि भारत की नीति में अब आतंक के आकाओं और आतंकवाद की सरपस्त सरकार को अलग अलग नहीं देखा जाएगा तथा पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर के बारे में ही होगी।
मोदी ने पाकिस्तान के साथ सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति को लेकर स्पष्ट किया कि सैन्य कार्रवाई अभी केवल स्थगित की गयी है और पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे कि वो क्या रवैया अपनाता है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया ने, पाकिस्तान का वो घिनौना सच फिर देखा है, जब मारे गए आतंकियों को विदाई देने, पाकिस्तानी सेना के बड़े-बड़े अफसर उमड़ पड़े। ‘स्टेट स्पॉन्सरड टेरेरिज्म’ का ये बहुत बड़ा सबूत है।
टेलीविजन पर प्रसारित राष्ट्र के नाम संदेश में मोदी ने कहा कि हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ हम सभी का एकजुट रहना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित तौर पर ये युग युद्ध का नहीं है, लेकिन ये युग आतंकवाद का भी नहीं है। टैररिज्म के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, ये एक बेहतर दुनिया की गारंटी है।
प्रधानमंत्री ने साेमवार को बुद्ध पूर्णिमा के पर्व का उल्लेख करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध ने हमें शांति का रास्ता दिखाया है। पर शांति का मार्ग भी शक्ति से होकर जाता है। उन्होंने कहा कि मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ बढ़े, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है, और आवश्यकता पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल भी जरूरी है। और पिछले कुछ दिनों में, भारत ने यही किया है।
मोदी ने कहा कि छह एवं सात मई की रात में भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था। पाकिस्तानी सेना ने बुरी तरह पिटने के बाद 10 मई की दोपहर को हमारे सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के ढांचे को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था।
इसलिए जब पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया, कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा। तो भारत ने भी उस पर विचार किया। उन्होंने कहा, “मैं फिर दोहरा रहा हूं कि हमने पाकिस्तान के आतंकवादी और सैन्य ठिकानों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ स्थगित किया है। आने वाले दिनों में हम पाकिस्तान के हर कदम को इस कसौटी पर मापेंगे कि वह क्या रवैया अपनाता है।
मोदी ने कहा कि पाकिस्तानी फौज, पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह आतंकवाद को खाद-पानी दे रहे है, वो एक दिन पाकिस्तान को ही समाप्त कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने आतंकी ढांचे का सफाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत एकदम स्पष्ट है, आतंक और बातचीत, एक साथ नहीं हो सकते, आतंक और व्यापार, एक साथ नहीं चल सकते तथा पानी और खून भी एक साथ नहीं बह सकता।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में पहलगाम आतंकवादी हमले पर अपने मन की व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। छुट्टियां मना रहे निर्दोष-मासूम नागरिकों को धर्म पूछकर, उनके परिवार के सामने, उनके बच्चों के सामने, बेरहमी से मार डालना, ये आतंक का बहुत विभत्स चेहरा था, क्रूरता थी। ये देश के सद्भाव को तोड़ने की घिनौनी कोशिश भी थी। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी।
इस आतंकी हमले के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमने आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेनाओं को पूरी छूट दे दी। और आज हर आतंकी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी बहनों-बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने का अंजाम क्या होता है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ये सिर्फ नाम नहीं है, ये देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब है। ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस प्रतिज्ञा को परिणाम में बदलते देखा है। भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर, उनके ट्रेनिंग सेंटर्स पर सटीक प्रहार किया। आतंकियों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है, की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फौलादी फैसले लिए जाते हैं, परिणाम लाकर दिखाए जाते हैं।
मोदी ने कहा कि जब पाकिस्तान में आतंक के अड्डों पर भारत की मिसाइलों और ड्रोन्स ने हमला बोला तो आतंकी संगठनों की इमारतें ही नहीं, बल्कि उनका हौसला भी थर्रा गया। बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकाने, एक प्रकार से वैश्विक आतंकवाद की यूनिवर्सिटी रहे हैं। दुनिया में कहीं पर भी जो बड़े आतंकी हमले हुए हैं, चाहे न्यूयॉर्क में 11 सितंबर की घटना हो, चाहे लंदन ट्यूब बमविस्फोट हो या फिर भारत में दशकों में जो बड़े-बड़े आतंकी हमले हुए हैं, उनके तार कहीं ना कहीं आतंक के इन्हीं ठिकानों से जुड़ते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये मुख्यालय उजाड़ दिए। भारत के इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया है। आतंक के बहुत सारे आका, बीते ढाई-तीन दशकों से खुलेआम पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के खिलाफ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक झटके में खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा कि भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान घोर निराशा एवं हताशा में घिर गया था और बौखलाहट में उसने एक और दुस्साहस किया। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया। पाकिस्तान ने हमारे स्कूलों-कॉलेजों, गुरुद्वारों, मंदिरों, सामान्य नागरिकों के घरों और हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद बेनकाब हो गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गईं। भारत के सशक्त एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें आसमान में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर वार की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान के सीने पर वार कर दिया। भारत के ड्रोन एवं मिसाइलों ने सटीकता के साथ हमला किया। पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को नुकसान पहुंचाया, जिस पर पाकिस्तान को बहुत घमंड था। भारत ने पहले तीन दिनों में ही पाकिस्तान को इतना तबाह कर दिया जिसका उसे अंदाजा भी नहीं था।
मोदी ने कहा कि हमारी तीनों सेनाएं, हमारा सीमा सुरक्ष बल, अन्य अर्धसैनिक बल लगातार सतर्क हैं। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ इस नई नीति का खुलासा करते हुए कहा कि भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपनी शर्तों पर जवाब देकर रहेंगे। हर उस जगह जाकर कठोर कार्यवाही करेंगे, जहां से आतंक की जड़ें निकलती हैं। कोई भी परमाणु हमले की धमकी का ब्लैकमेल भारत नहीं सहेगा। इस ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा। हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखेंगे।
उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान पर हमने हर बार पाकिस्तान को धूल चटाई है। इस बार ऑपरेशन सिंदूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारे मेड इन इंडिया हथियारों की प्रमाणिकता सिद्ध हुई। उन्होंने कहा कि आज दुनिया देख रही है कि 21वीं सदी के वॉरफेयर में मेड इन इंडिया रक्षा उपकरणों का समय आ चुका है।
मोदी ने कहा कि हम सभी ने बीते दिनों में देश का सामर्थ्य और उसका संयम दोनों देखा है। इसके लिए वह भारत की पराक्रमी सेनाओं, सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों, वैज्ञानिकों को हर भारतवासी की तरफ से सलाम करते हैं। हमारे वीर सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मैं उनकी वीरता को, उनके साहस को, उनके पराक्रम को, आज समर्पित करता हूं- हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को, और देश की हर बेटी को, ये पराक्रम समर्पित करता हूं।