पाकिस्तान के आग्रह पर कुछ शर्ताें के तहत ऑपरेशन सिंदूर रोका गया : मदन राठौड़

बीकानेर। राजस्थान भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा है कि पाकिस्तान के आग्रह पर कुछ शर्तों के तहत ऑपरेशन सिंदूर रोका गया। राठौड़ यहां 22 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित बीकानेर यात्रा की तैयारी का जायजा लेने मंगलवार को
यहां आए हैं।

इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान कई देशों के समक्ष युद्ध रुकवाने के लिए गिड़गिड़ाया। उन्होंने कहा कि उसके बाद हमारे सेना अध्यक्ष से चर्चा की कि वह युद्ध नहीं चाहते। हमने तब उनसे स्पष्ट कर दिया कि हमें आतंकवादियों का समर्पण चाहिए। वे आतंकवाद खत्म करें। हमें आतंकवाद को पनपने नहीं देना है। इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर रोका गया, हालांकि अभी खत्म नहीं किया गया है।

राठौड़ ने कहा कि इस लड़ाई में हमारी कोई क्षति नहीं हुई है। पाकिस्तान ने हमारे आवासीय क्षेत्रों में हमले किए, जिसे हमारी सेना ने नाकाम कर दिया। इससे हमें कोई क्षति नहीं हुई, जबकि हमारी सेना ने लक्ष्य निर्धारित करके हमले किए। सेना ने आतंकवादियों के प्रशिक्षण केंद्रों को नेस्तनाबूद करके आतंकवादियों के कारखानों को नष्ट करने में महती भूमिका निभाई। इन प्रशिक्षण केंद्रों में ऐसे आतंकी भी मारे गए, जो कंधार विमान अपहरण कांड में शामिल थे। जो बच गए वे मौत की दुआ कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कितना गैर जिम्मेदार देश है, यह उसकी हरकतों से पता चलता है। उसने सामान्य यात्री विमान शुरु करवाकर उनकी आड़ में हमले किए। वह जानता है कि भारतीय सेना यात्री विमानों पर हमला नहीं करेगी, और सेना ने किया भी नहीं। हमारी सेना ने जवाबदेही का निर्वहन किया, जिसके लिए वह जानी जाती है। हमने एक जवाबदेह देश के दायित्व का निर्वहन किया।

राठौड़ ने कहा कि हमने तिरंगा यात्रा निकाली, जो किसी पार्टी विशेष की नहीं थी। यह सर्वदलीय थी। इसे जोरदार जनसमर्थन मिला। इसमें लोगों ने उत्साह से शिरकत की। उन्होंने कहा कि मोदी 22 मई को बीकानेर आ रहे हैं, इसे लेकर लोगों में अपार उत्साह है। मोदी यहां जनसभा के बाद 103 नवनिर्मित रेलवे स्टेशनों का वर्चुअली उद्घाटन करेंगे। उनका यहां मंदिर जाने का भी कार्यक्रम है।

उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं। उन्हें किसी पार्टी से जोड़ना ठीक नहीं है। ऐसे समय में जो लोग उनकी आलोचना करते हैं, उनमें राष्ट्रभक्ति का अभाव है। उन्होंने 1971 का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पूर्ण समर्थन किया था।