श्रीनगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बार-बार परमाणु धमकी देने वाले पाकिस्तान में परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए उसके परमाणु हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी (आईएईए) की निगरानी में रखे जाने की मांग की है।
सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने यह दिखा दिया है कि भारतीय सैनिक केवल रक्षात्मक कदम उठाना ही नहीं जानते परन्तु समय आने पर वह दुश्मन के गढ में जाकर उसे नेस्तानबूद भी करना जानते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान को जो चोट दी है उससे उसे समझ जाना चाहिए कि भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने दे वरना तो भारत उसे मिट्टी में मिलाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू कश्मीर में सीमा पर तैनात जवानों से पहली बार मिलने के लिए पहुंचे सिंह ने गुरूवार को यहां बादामी बाग छावनी में जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की प्रतिज्ञा कितनी कठोर है, इसका पता इसी बात से चलता है कि भारत ने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है। पाकिस्तान की बार बार की एटमी धमकी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे ग़ैर ज़िम्मेदाराना तरीक़े से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गईं हैं। आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे ग़ैर ज़िम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी (आईएईए) की निगरानी में लिया जाना चाहिए।
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक अभियान ही नहीं है बल्कि यह एक प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी प्रतिबद्धता है जिसमें भारत ने दिखा दिया, कि हम सिर्फ रक्षात्मक कदम ही नहीं उठाते, जब वक्त आता है, तो हम कठोर निर्णय भी लेते हैं। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन, उस एक-एक जवान की आंखों में देखा गया सपना था, कि हर आतंकी ठिकाना, चाहे वो घाटियों में छुपा हो या बंकरों में दबा हो, हम वहां पहुंचेंगे… और दुश्मन की छाती चीरकर, हम उन आतंकी ठिकानों को खत्म करके ही लौटेंगे।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत द्वारा चलाई गई अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई है। पैंतीस-चालीस वर्षों से भारत सरहद पार से चलाए जा रही आतंकवाद का सामना कर रहा है। आज भारत ने पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं। सिंह ने कहा कि सेनाओं ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करे और अपनी ज़मीन का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ न होने दे।
उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकवादी घटना को अंजाम देकर भारत के माथे पर चोट पहुंचाने का काम किया, भारत की सामाजिक एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया। उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, हमने उनकी छाती पर घाव दिए हैं। पाकिस्तान के ज़ख्मों का इलाज इसी बात में है कि वह भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करे, अपनी ज़मीन का इस्तेमाल भारत के ख़िलाफ़ न होने दे।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने लगभग इक्कीस वर्ष पहले घोषणा की थी कि अब उनकी धरती से आतंकवाद एक्सपोर्ट नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को पहले भी धोखा दिया और आज भी धोखा दिए जा रहा है। इसका ख़ामियाज़ा अब उसको भारी क़ीमत अदा करके भुगतना पड़ रहा है। और यह क़ीमत लगातार बढ़ने वाली है।
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो-टूक शब्दों में आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की नीति को स्पष्ट कर दिया है कि हिंदुस्तान की सरज़मीं पर किया गया कोई भी आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।
दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के उल्लंघन के प्रति पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर ही होगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में जो समझ अभी बनी है वह इसी बात को लेकर है कि सरहद पार से कोई बेजा हरकत नहीं की जाएगी। अगर की गई तो बात निकलेगी तो बहुत दूर तलक जाएगी। साथ ही हमारे प्रधानमंत्री ने यह भी साफ़ कर दिया है कि आतंकवाद और बात एक साथ नहीं चलेंगे और अगर बात होगी तो आतंकवाद पर होगी, पीओके पर होगी।
उन्होंने आतंकवादियों और उनके आकाओं को भी कड़ा संदेश दिया कि वे कहीं भी छिप जाएं,वे भारतीय सेनाओं से बच नहीं सकते। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को भी यह साफ़ साफ़ बता दिया है कि वो कहीं भी अपने आप को महफूज़ और सुरक्षित न समझें। अब वे भारतीय सेनाओं के निशाने पर हैं। दुनिया जानती है, हमारी सेनाओं का निशाना अचूक है और वो जब निशाना लगाते हैं तो गिनती करने का काम दुश्मनों पर छोड़ देते हैं।
पाकिस्तानी की आर्थिक कंगाली पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यह देश केवल उधार मांग कर ही गुजारा करता आया है। उन्होंने कहा कि रही बात पाकिस्तान की, तो उसकी मैं बात ही क्या करूं आपसे। वह देश तो, मांगते-मांगते अपनी जहालत से एक ऐसी हालत में आ गया है, कि उसके बारे में यह भी कहा जा सकता है, कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है,वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है। अभी आपने सुना ही होगा, कि कैसे वह फिर एक बार, आईएमएफ के पास कर्ज मांगने गया। वहीं, दूसरी तरफ हमारा देश है, कि हम, आज उन देशों की श्रेणी में आते हैं,जो आईएमएफ को कर्ज देते हैं, ताकि आईएमएफ गरीब देशों को कर्ज़ दे सकें।
उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा शांति को प्राथमिकता दी है लेकिन स्थितियाँ जब इतनी विकट हो जाएँ, जब देश की संप्रभुता पर आक्रमण हो, तो जवाब देना आवश्यक हो जाता है। रक्षा मंत्री ने जवानों के साहस और शौर्य की सराहना करते हुए कहा कि मैं आपकी उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं, जिसने दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर दिया। आपने जिस तरीके से, सीमा के उस पार पाकिस्तान की चौकियों और बंकरों को धवस्त किया, दुश्मन उसे कभी भूल नहीं पायेगा। हमारी सीमाओं पर अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए, जिस तरह से आप सभी, बिना रुके, बिना थके, दिन-रात लगे रहते हैं, वह अपने आप में अद्भुत है, अद्वितीय है। में आप सभी को, आपके शौर्य और पराक्रम के लिए मैं बधाई देता हूं।