झालावाड स्कूल हादसा : सरकार पर बरसे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा

जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि सवाल सिर्फ स्कूल की छत गिरने और सिस्टम के ढहने का नहीं है। सवाल झालावाड़ के रोते-बिलखते परिवार और मां के आंसुओं पर जवाबदेही तय करने और नैतिक जिम्मेदारी से इस्तीफा देने का है।

डोटासरा ने शुक्रवार को झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत गिरने बच्चों की मौत हो जाने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया में यह बात कही। उन्होंने अपने बयान में कहा कि चीखते तड़पते परिवारों की पुकारों पर सरकार की संवेदना कब टूटेगी। कब तक सिर्फ सिस्टम दोषी बनेगा, सरकार और मंत्री दोषी कब होंगे। क्योंकि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है। यह भाजपा सरकार के भ्रष्ट तंत्र एवं शिक्षा विभाग की लापरवाही एवं गैर जिम्मेदाराना रवैये से सुनियोजित हत्या है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ यही वो हादसा नहीं है जिसमें मासूमों की जिंदगियां काल के गाल में समां गईं। राज्य में अभी भी हजारों स्कूलें जर्जर हालत में संचालित हैं जो कभी भी इस तरह के भयावह हादसों को जन्म दे सकती हैं।

उन्होंने कहा कि बच्चों की जिदंगी से खिलवाड़ करने वाले ये वो चुभते आंकड़ें हैं, जो भाजपा सरकार और शिक्षा विभाग की नाकामी पर कड़े सवाल खड़े करते हैं। अकेले उदयपुर में 20 ऐसे स्कूल हैं जो कभी भी गिर सकते हैं।

उदयपुर जिले में 450 ऐसी स्कूलें हैं जहां मरम्मत की आवश्यकता है और जिनमें मरम्मत के लिए बजट मांगा गया है। चार महीने में करीब 700 प्रस्ताव भेजे जाने के बाद भी सरकार ने इन स्कूलों के लिए फंड जारी नहीं किया। शिक्षा मंत्री के गृह जिले में चलती क्लास के दौरान प्लास्टर गिरने से पांच छात्र घायल हुए थे, इनमें से दो छात्रों को गंभीर चोट आई थी।

स्वयं शिक्षा मंत्री के गृहजिले में कई स्कूलों के भवनों में ‘यहां ख़तरा है’ की पट्टियां लगाकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा जा रहा है। बांसवाड़ा में 54 स्कूलों के 164 कमरे और 73 बरामदे जर्जर हालत में हैं, प्रस्ताव भेजने के पश्चात भी सरकार ने बजट जारी नहीं किया। जनजाति क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बदतर हैं। बांसवाड़ा में 2142 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 657 बिना भवन के हैं जबकि 1390 केंद्र जर्जर हालत में टपकती छतों के बीच संचालित हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कोटा में कई आंगनबाड़ी भवन क्षतिग्रस्त हैं लेकिन सरकार ने अधिकांश का बजट मंजूर नहीं किया, यहां अधिकतर इमारतें 20 साल पुरानी हैं। मुख्यमंत्री के गृहजिले भरतपुर में नंदी घरों की छत उद्घाटन से पहले ही टपकने लगी हैं। चित्तौड़गढ़ में 562 स्कूलों के जर्जर भवन हैं, जो डरावनी स्थिति में है। डोटासरा ने कहा कि अब राजस्थान की जनता तय करे.. क्यों मंत्री का इस्तीफा नहीं होना चाहिए।

झालावाड़ में पीपलोदी स्कूल की छत गिरने से 5 बच्चों की मौत, 20 घायल