ध्वजारोहण के साथ पुष्कर मेले का पारंपरिक शुभारम्भ, सांस्कृतिक उमंग की छटा बिखरी

अजमेर। विश्व प्रसिद्ध श्री पुष्कर मेला 2025 का गुरुवार को पारंपरिक ध्वजारोहण के साथ भव्य शुभारम्भ हुआ। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी व जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने मेला मैदान में विधिवत ध्वजारोहण कर मेले के शुभारम्भ की घोषणा की। भाजपा देहात अध्यक्ष जीतमल प्रजापत नगर परिषद के निवर्तमान सभापति कमल पाठक, संभागीय आयुक्त शक्ति सिंह राठौड़, कलक्टर लोक बन्धु एवं पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा शुभारंभ समारोह में उपस्थित रहे।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि पुष्कर मेला राजस्थान की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं पर्यटन विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। इसी महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने मेले के बजट में वृद्धि कर इसे 70 लाख रूपए से बढ़ाकर एक करोड़ रूपए किया है। इससे यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों को और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी तथा मेले को और भव्य रूप दिया जा सकेगा। पुष्कर कॉरीडोर की डीपीआर तैयार हो गई है। शीघ्र ही इसका शिलान्यास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुष्कर फॉरएवर संकल्प के साथ इस विश्व-प्रसिद्ध मेले को स्थायी रूप से वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। तीर्थराज पुष्कर को अंतरराष्ट्रीय तीर्थ पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए ठोस एवं दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जा रही हैं। सरकार का उद्देश्य है कि यहां आने वाला हर आगंतुक राजस्थान की परंपराओं, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत अनुभव लेकर जाए।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि परंपरागत लोककलाओं और संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए 19 नवंबर को राज्य के सभी संभाग मुख्यालयों पर घूमर उत्सव आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थानी लोकनृत्य, विशेषकर घूमर, प्रदेश की गौरवशाली पहचान है और इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी का दायित्व है। लोकसांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और संवर्धन राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है।

जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पुष्कर मेले के बजट में की गई यह वृद्धि पर्यटन संवर्धन और स्थानीय सुविधाओं के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी कदम है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से तीर्थराज पुष्कर में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही अर्थव्यवस्था एवं रोजगार अवसरों में भी सकारात्मक वृद्धि होगी।

उन्होंने आगंतुकों एवं स्थानीय नागरिकों से अपील की कि वे स्वच्छता एवं अनुशासन का पालन करते हुए मेले को सफल एवं यादगार बनाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि राजस्थान की परंपरा अतिथि देवो भव के अनुरूप प्रत्येक पर्यटक का स्वागत सम्मानपूर्वक किया जाएगा और प्रशासन सभी के लिए सुरक्षित, स्वच्छ एवं आनंददायक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

शुभारम्भ समारोह में परम्परागत वैदिक मंत्रोच्चारण एवं पूजा-अर्चना का आयोजन ज्योतिषाचार्य पंडित कैलाशनाथ दाधीच के आचार्यत्व में किया गया। पूजा के पश्चात ध्वजारोहण के साथ अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नगाड़ा वादक नाथूलाल सोलंकी एवं उनके दल द्वारा 101 नगाड़ों का संगत वादन किया गया। समारोह को ऎतिहासिक बना दिया। नगाड़ों की एकसमान ताल ने उपस्थित जनसमूह में रोमांच का संचार किया।

राजस्थान की संस्कृति की मनोहारी झांकी प्रस्तुत करते हुए परंपरागत पोशाक में सजी 150 से अधिक बालिकाओं द्वारा सामूहिक लोकगीत व नृत्य प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया। यह समूह नृत्य हाथां में तलवारा कमर कटारां सोहे सहित विभिन्न लोकगीत समुच्च पर प्रस्तुत किया गया। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने मंच से उतरकर बालिकाओं का उत्साहवर्धन किया। उनके साथ पारम्परिक घुमर नृत्य कर संस्कृति से जुड़ाव का उदाहरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर जयपुर काइट्स टीम द्वारा रंग-बिरंगे पतंगों का आकर्षक प्रदर्शन किया गया।

समारोह में तगाराम भील एवं साथियों ने अलगोजा वादन कर लोक-संगीत की मधुर धारा प्रवाहित की। इनके साथ घड़ा वादन श्री छगनलाल ने किया। संगतकारों द्वारा कमायचा, खड़ताल एवं ढोलक वादन भी किया गया। राजस्थान महिला कल्याण मण्डल चाचियावास के विशेष विद्यार्थियों में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी एवं जल ससांधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को पौधे भेंट किए।

शुभारम्भ अवसर पर भव्य सांस्कृतिक यात्रा भी निकाली गई। इसका संयोजन गोपाल बंजारा ने किया। यात्रा में बीकानेर के रोबीले अनिल बोहरा, पुष्कर के राजेश भाट की कच्ची घोड़ी नृत्य, राजेशनाथ का कालबेलिया नृत्य, किशनाराम भोपा का रावण हथा वादन, मुकेश नाथ का राजस्थानी नृत्य, जैसलमेर के पारसमल का लाल आंगी गेर, गंगानगर के शोफत अली का मश्कवादन ने सबका मन मोह लिया।

पश्चिमी कला केन्द्र की सोना बेन के दल द्वारा रावता नृत्य प्रस्तुत किया गया। कालबेलिया, गैर, कच्छी घोड़ी नृत्य सहित विभिन्न लोकनृत्य दलों ने आकर्षक प्रदर्शन किया। भ्रमण दल के कलाकारों ने केसरिया बालम सहित अन्य लोकधुनों पर मनमोहक प्रस्तुति दी।

मेला मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ खेलकूद प्रतियोगिताओं की भी शुरुआत हुई। स्थानीय एवं विदेशी टीमों के मध्य फुटबॉल मैच का आयोजन किया गया। इसका शुभारम्भ सुरेश रावत ने टॉस कर किया। यह मैच देशी टीम ने विदेशी टीम को 2-1 से हराकर जीता।

उपखंड अधिकारी एवं मेला मजिस्ट्रेट गुरु प्रसाद तंवर ने कहा कि तीर्थराज पुष्कर में मेले के दौरान सुरक्षा एवं व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन एवं पुलिस के कैम्प स्थापित किए गए हैं। तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए सरोवर क्षेत्र और मेला स्थल पर विशेष प्रबंध किए गए हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त कलक्टर गजेन्द्र सिंह राठौड़, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील धीया, डा आलोक खरे सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।