जयपुर। राजस्थान में पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने आमजन को साइबर धोखाधड़ी के एक नए तरीके के प्रति आगाह किया है।
कूरियर सर्विस, प्रोडक्ट डिलीवरी के नाम पर होने वाली इस ठगी में अपराधी अब कॉल फॉरवर्डिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। साइबर अपराधी लगातार अपनी तकनीकों को बदल रहे हैं और अब वे नामी गिरामी कूरियर कंपनियों का भेष धारण करके लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक (साइबर अपराध, पुलिस मुख्यालय) शांतनु कुमार ने मंगलवार को इस तरीके का विवरण देते हुए बताया कि साइबर ठग फोन या व्हाट्सएप कॉल के ज़रिए लोगों से संपर्क करते हैं।
वे उन्हें बताते हैं कि उनकी कोई डिलीवरी आने वाली है और डिलीवरी देने के बहाने या तो एक ओटीपी पूछने की कोशिश करते हैं, या फिर उन्हें एक खास नंबर डायल करने को कहते हैं। जैसे ही पीड़ित उक्त नम्बर डायल करता है, उसके मोबाइल की कॉल फॉरवर्डिंग सक्रिय हो जाती है। इसका मतलब है कि पीड़ित के फोन पर आने वाली सभी कॉल, जिसमें ओटीपी भी शामिल हो सकता है, सीधे साइबर अपराधी के नंबर पर फॉरवर्ड हो जाती हैं।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों को जैसे ही कॉल और ओटीपी का पता चलता है, वे तुरंत बैंक खाते से पैसे उड़ा लेते हैं या यूपीआई लिंक भेजकर ठगी का शिकार बनाते हैं। उन्होंने बताया कि वे ऐसे लोगों को विशेष रूप से निशाना बनाते हैं जिनके पास वाकई कोई ऑनलाइन वस्तु आने वाली होती है, जिससे लोगों को वह विश्वसनीय लगता है।