भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी की विवाह पर सजी झांकी
अजमेर। नला बाजार स्थित रामद्वारा में चल रहे चातुर्मास सत्संग के दौरान रामस्नेही संप्रदाय मेड़ता देवल के महंत 108 श्री रामकिशोर महाराज ने कहा कि मानव जीवन में धर्म-कर्म भक्ति परोपकार के साथ समाज में उत्साह उत्सव और महोत्सव भी जरूरी है। ये जीवन में उत्साह, उमंग का संचार करते हैं।
उन्होंने श्रीमद् भागवत में श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि गृहस्थ जीवन की पहली सीढ़ी विवाह है। इस अवसर पर बंधु, बांधव, सगे संबंधी आते हैं।परिवार में खुशी का माहौल होता है जिससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
अब गणेश महोत्सव आ गया है। भगवान गणेश की पूजा, नवरात्र में मां की पूजा, इस प्रकार उत्सव समाज को एक दूसरे से जोड़े रखते हैं। महाराज ने कई भजनों के माध्यम से माहौल को भक्तिमय कर दिया।
भगवान कृष्ण और रुक्मणी की मनमोहन झांकी भी सजाई गई। इस दौरान धनीराम महाराज, ध्यानीराम महाराज, संत उत्तम राम शास्त्री, बंटी राव, अमृत राम आदि ने एक से बढकर एक भजनों की प्रस्तुति दी। आरती के पश्चात प्रसाद वितरित किया गया।