धर्म, नीति और न्याय आधारित थी देवर्षि नारद की पत्रकारिता : हनुमान सिंह राठौड़

विश्व संवाद केंद्र अजमेर चैप्टर की देवर्षि नारद जयंती पर विचार गोष्ठी
अजमेर। देवर्षि नारद की पत्रकारिता धर्म, नीति और न्याय आधारित थी। देवर्षि नारद लोककल्याणकारी पत्रकारिता के आदर्श प्रतिमान हैं, जिस से वर्तमान पत्रकारिता जगत अपनी समस्त चुनौतियों का समाधान प्राप्त कर सकता है। यह विचार प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं विचारक हनुमान सिंह राठौड़ ने शनिवार को स्वामी कॉम्प्लेक्स में विश्व संवाद केंद्र चित्तौड़ प्रांत अजमेर चैप्टर की ओर से नारद जयंती के उपलक्ष में आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पत्रकार का दायित्व समाज को परिष्कृत करना है।

अजमेर सिटीजन कौंसिल के अध्यक्ष एवं दैनिक नवज्योति के प्रधान संपादक एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए दीनबंधु चौधरी ने कहा कि पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण कार्य है। पत्रकार को निष्पक्ष, निडर व पारदर्शी होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पत्रकार को जज नहीं बनना चाहिए यह कार्य पाठक पर छोड़ देना चाहिए। साथ ही उन्होंने अपने कुछ पुराने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वर्तमान में पत्रकारिता में कई प्रकार के दबावों का सामना करना पड़ता है एवं इस क्षेत्र में कई प्रकार की मुश्किल भी आती है, उन सभी दबावों को झेलते हुए भी पत्रकारिता जनकल्याणकारी होनी चाहिए।

नारद जयंती समारोह समिति के सचिव निरंजन शर्मा ने पधारे हुए अतिथियों का परिचय कराया एवं मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता का शॉल ओढ़ाकर, श्रीफल प्रदान कर एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया। कार्यक्रम में अजमेर के पत्रकारिता जगत के कई ख्यातनाम पत्रकार एवं पत्रकारिता में अध्ययन करने वाले बंधु पधारे थे।

कार्यक्रम के अंत में नारद जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष पत्रकार एसपी मित्तल ने मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता तथा अतिथियों व स्वामी कॉम्प्लेक्स उपलब्ध कराने के लिए कंवल प्रकाश किशनानी का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन भूपेंद्र उबाना ने किया।