हमें सुरक्षा, सामर्थ्य और संस्कृति पर कार्य करना है : मोदी

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महिला सामर्थ्य और शौर्य के अनेक उदाहरणों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान में देश, इतिहास के उस मोड़ पर है, जहां हमें सुरक्षा, सामर्थ्य और संस्कृति के प्रत्येक स्तर पर कार्य करना है और इस कार्य में महिला-बेटियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

मोदी ने यहां लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की तीन सौवीं जयंती के अवसर पर महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी मौजूद थे।

मोदी ने कहा कि भारत इतिहास के उस मोड़ पर है, जहां हमें सुरक्षा, सामर्थ्य और संस्कृति के हर स्तर पर काम करना है। हमें परिश्रम बढ़ाना है। इसमें हमारी मातृ शक्ति, बेटी-बहनों की भूमिका बहुत बड़ी है। उन्होंने देवी अहिल्याबाई, रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, रानी कमलापति, रानी अवंतिबाई लोधी, सावित्री बाई फुले और अन्य महान स्त्रियों का नाम लेते हुए कहा कि इनके नाम और काम हमें गौरव से भर देते हैं।

मोदी ने कहा कि हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) का बड़ा रोल रहा है। बीएसएफ की बेटियां सीमाओं पर मोर्चा संभाल रही थीं। सीमा पार से ही रही फायरिंग का मुंह तोड़ जवाब दे रही थीं। इन वीर बेटियों ने अदभुत शौर्य दिखाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया, राष्ट्र रक्षा में भारत की बेटियों का सामर्थ्य देख रही हैं। बीते वर्षों में सरकार ने महिलाओं और बेटियों के हित में अनेक कदम उठाए हैं। स्कूल से लेकर युद्ध के मैदान तक देश अपनी बेटियों के शौर्य पर गर्व कर रहा है। बेटियों के लिए सेना में दरवाजे खोले गए हैं। एनसीसी में कभी 25 प्रतिशत महिलाएं थीं और अब यह हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक बढ़ रही है।

मोदी ने कहा कि कल देश में नया इतिहास बना है, जब नेशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) में महिलाओं का पहला बैच पासआउट हुआ है। अब तीनों सेनाओं में बेटियां अग्रिम मोर्चे पर तैनात हो रही हैं। नौसेना के युद्धवाहक पोत पर भी महिला अधिकारी तैनात हो रही हैं।

प्रधानमंत्री ने नौसेना की दो वीर बेटियों का भी उदाहरण दिया और कहा कि वे लगभग ढाई सौ दिनों तक समुद्र में रहीं और पूरी दुनिया का चक्कर हजारों मील की दूरी तय कर लगाया। यह चक्कर उन्होंने ऐसी नाव से लगाया, जो मोटर से नहीं, बल्कि हवा से चलती है। उन्होंने कहा कि समंदर में तूफान बहुत तेज होता है। लेकिन इन दो बेटियों ने हर मुसीबत को हराया और अपना लक्ष्य हासिल किया। इन बेटियों ने सिखाया है कि चुनौती कितनी भी बड़ी क्यों नहीं हो, भारत की बेटियां उन पर विजय पा सकती हैं।

मोदी ने कहा कि नक्सलियों के साथ संघर्ष के क्षेत्र हों या सीमा पार पर आतंकवाद, इन सभी में भी हमारी बेटियां भारत की ढाल बन रही हैं। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई की इस धरती से मैं बेटियों और महिलाओं को सैल्यूट करता हूं। देवी अहिल्या ने विकास और विरासत को साथ लेकर काम किया था, जो आज की सरकार कर रही है।

महिला सशक्तीकरण की प्रतीक 4 महिलाओं ने किया मोदी का स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का प्रवास पूरी तरह महिला सशक्तीकरण के नाम रहा, जिस दौरान न केवल प्रधानमंत्री ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर को समर्पित डाक टिकट और सिक्का जारी किया, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत भी महिला सशक्तीकरण की प्रतीक चार महिलाओं ने किया।

मोदी यहां देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती के अवसर पर आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित करने आए थे। समारोह में प्रधानमंत्री मोदी का महिला सशक्तीकरण और स्वावलंबन की प्रतीक प्रदेश की चार महिलाओं ने स्वागत किया। इस क्रम में जबलपुर में कैंसर रोगियों की देखरेख को समर्पित ज्ञानेश्वरी देवी, पहली भारतीय कैनोइस्ट और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त प्राची यादव, ग्राम स्तर पर स्वच्छता और विकास कार्यों को समर्पित ग्राम तिरला जिला धार की सरपंच आरती पटेल और महेश्वरी साड़ी निर्माण में लगी नागेश्वरी स्वयं सहायता समूह महेश्वर की मीनाक्षी ठाकले ने स्वागत अभिवादन किया।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनजातीय कलाकार डा. जयमती कश्यप को राष्ट्रीय देवी अहिल्या सम्मान से सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर को समर्पित डाक टिकट और सिक्का जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने दतिया और सतना एयरपोर्ट का लोकार्पण तथा इंदौर मेट्रो का उद्घाटन भी किया। इसके पूर्व उन्होंने देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया।