लालू के बड़े पुत्र तेजप्रताप हुए मुखर, बढ़ सकती हैं चुनाव में राजद की कठिनाइयां

पटना। राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के ज्येष्ठ पुत्र और जनशक्ति जनता दल के संस्थापक तेजप्रताप यादव ने अपने छोटे भाई विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को एक्स पर अनफॉलो कर दिया है और इसके साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यादव कहीं राजद के बागी उम्मीदवारों को शह देकर आगामी चुनाव में पार्टी के लिए मुसीबत ना बन जाएं।

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री यादव इससे पहले अपनी दो बहनों मीसा भारती और हेमा यादव को भी ‘एक्स’ पर अनफॉलो कर चुके हैं। यादव का यह निर्णय एक ऐसे समय आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और विभिन्न राजनीतिक पार्टियां और गठबंधन अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करने की मशक्कत में लगे हुए हैं। खुद तेजप्रताप यादव ने बयान जारी कर कहा है कि उनकी जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवारों की सूची 13 अक्टूबर को जारी होगी।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के निर्णय के बाद पार्टी और परिवार से निकाले गए तेजप्रताप के बारे में अटकलें थी कि उनके राजनीतिक जीवन का पटाक्षेप हो जाएगा, लेकिन पूर्वमंत्री यादव हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठे रहे और लगातार प्रदेश के विभिन्न इलाकों में घूमते रहे तथा अलग अलग कारणों से सुर्खियों में बने रहे। कभी सड़क के किनारे जलेबी छान ली तो कभी फिल्मी और लोक कलाकारों के साथ युगलबंदी कर ली। कुल मिलाकर उन्होंने दर्शाया कि पिता लालू यादव की मस्त मौला विरासत उन्ही के पास है।

पूर्व मंत्री यादव इस बीच प्रदेश में कार्यरत छोटी राजनीतिक पार्टियों के सम्पर्क में रहे और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन(एआईएमआईएम) के नेताओं के साथ मिलने की कोशिश की। अंततः उन्होंने अपनी एक अलग पार्टी की घोषणा भी कर दी। इतना ही नहीं यादव ने इस बात का भी ऐलान किया कि वो महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वर्तमान में इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल का विधायक काबिज है।

तेजप्रताप यादव को जब पार्टी और परिवार से निकला गया था, तब राजनीति के जानकारों ने कहना था कि परिवार को बदनामी से बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने ज्येष्ठ पुत्र को कुछ समय के लिए परिवार से दूर कर दिया है और चुनाव के बाद उनकी पार्टी और परिवार में वापसी हो जाएगी लेकिन धीरे धीरे परिस्थियां बदलती गई।

थोड़े समय बाद ही तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने आसपास रहने वाले जयचंदों से घिर गए हैं। उनका इशारा तेजस्वी के बहुत करीब एक नेता की तरफ था। समय के साथ तेजप्रताप की राजनीतिक गतिविधियां बढ़ी और उनके आलोचना के स्वर भी ऊंचे होते गए। पिछले दिनों जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बिहार के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, तो शनिवार को तेजप्रताप ने उनके वक्तव्य की खिल्ली उड़ाई और कहा कि पहले राजद की सरकार तो बने।

बहरहाल इस बात पर गौर करना जरूरी है कि वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ता तेजस्वी यादव के करीब आ कर छिटक गई थी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और तेजस्वी यादव के महागठबंधन के बीच प्रदेश में मतों का अंतर लगभग बारह हजार ही था। अब देखना है कि तेजप्रताप यादव का बगावत उन्हें कितना नुकसान पहुंचाता है। यादव जिस तरह एआईएमआईएम के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने यदि टिकट नहीं मिलने वाले राजद के असंतुष्ट उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया तो राजद की मुसीबतें बढ़ सकती है।

उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले ही एक महिला के साथ तेजप्रताप यादव के प्रेम प्रसंग उजागर होने के बाद उनके पिता और राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से निकाल दिया था।