फिलहाल पुलिस में परिवाद, लेकिन न्यायिक अवमानना में भी फंस सकते हैं सिरोही कलेक्टर और आयुक्त

सिरोही में आवारा सांड के द्वारा बुजुर्ग को गंभीर घायल करने की घटना के बाद सिरोही नगर परिषद के अधिकारियों के खिलाफ परिवाद देते भाजपा नेता।

सिरोही। सिरोही शहर में खारी बावड़ी पास एक बुजुर्ग को सांड द्वारा गंभीर रूप से घायल कर देने की घटना के बाद भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष महिपाल चारण ने नगर परिषद प्रशासक (जो जिला कलेक्टर हैं), आयुक्त, सफाई निरीक्षक आदि कार्मिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए सिरोही कोतवाली में परिवाद पेश किया है। लेकिन, इन कार्मिकों और अधिकारियों की लापरवाही के लिए सिर्फ फौजदारी प्रकरण के अलावा न्यायालय की अवमानना का मामला भी बनता है जो इन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार करके किया है।

महिपाल चारण के द्वारा दिए गए परिवार में बताया गया कि वे 31 अक्टूबर को शाम करीब 5 बजे सदर बाजार सिरोही में स्थित खारी बावडी गणेशजी मंदिर के दर्शन करके घर जा रहे थे। थोड़ी आगे एक आवारा सांड चल रहा था जो अचानक दौडा एवं उसके आगे चल रहे सुनारवाड़ा निवासी वृद्ध मोहनलाल सोनी को सींगों से उठाकर सडक किनारे पर गिरा दिया। जिससे उनके हाथों, पैरों, कुल्हे व शरीर के अन्य भागों में गंभीर चोटे आईं। ये देख घटनास्थल के पास खडे भरत छीपा व आस पास के दुकानदार घटनास्थल पर पहुंचे। इस घटना के बाद बाजार में अफरा तफरी मच गई एवं लोग जान बचाने के लिए भाग कर दुकानों में चले गए।

उन्होंने व भरत छीपा ने मोहनलाल सोनी को घायल अवस्था में चिकित्सालय पहुंचाया जहां डॉक्टर ने जांचे व एक्सरे कर उनके कुल्हे व घुटनों में अस्थिभंग होना बताया। डॉक्टर ने मोहनलाल सोनी के ऑपरेशन की आवश्यकता बताई। महिपाल चारण ने आरोप लगाया कि यह कि यह घटना नगर परिषद सिरोही के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों में घोर लापरवाही बरतने के कारण घटित हुई है। उन्होंने बताया कि नगर परिषद् की लापरवाही के कारण टाकरिया मोहल्ला में एक व्यक्ति को आवारा बैल ने उठाकर पटक दिया था।

इसी तरह पुरोहित भवन सिरोही के व्यवस्थापक खीमसिंह राजपुरोहित को आवारा सांड ने सींगों से उठाकर पटक दिया जिससे उनकी मृत्यु हो गई थी। उन्होंने परिवाद में जांच कर नगर परिषद् प्रशासक, आयुक्त, सफाई निरीक्षक व दोषी कमर्चारियों व अधिकारियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्यवाही कराना फरमाने की गुहार की है।

राजस्थान के शहरों आवारा पशुओं को हटाने के राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश का प्रकाशित समाचार

न्यायालय की भी घोर अवमानना

भाजपा नेता ने सिर्फ नगर परिषद कार्मिकों की अपराधिक लापरवाही का जिक्र किया है। लेकिन, नगर परिषद सिरोही के प्रशासक, आयुक्त, सफाई निरीक्षक आदि राजस्थान हाईकोर्ट के द्वारा हाल में दिए गए आदेशों की अवहेलना की कार्रवाई भी बनती है। लोगों की जिंदगी के लिए चिंतित नेता और समाज सेवी चाहें तो आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाने के साथ सिरोही नगर परिषद के अधिकारियों खिलाफ न्यायिक अवमानना की कार्रवाई भी अमल में ला सकते हैं। अगस्त 2025 को जब सुप्रीम कोर्ट आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने के आदेश दिए थे उसके दूसरे दिन हाईकोर्ट ने अपने पास राजस्थान में आवारा पशुओं की समस्या की लंबित याचिका पर भी निर्णय दिया था।

जस्टिस कुलदीप माथुर और जस्टिस रवि चिरानीया की डिविजन बेंच ने 12 अगस्त को दिए अपने आदेश में राजस्थान को सभी नगर निकायों को अपने शहर को आवारा कुत्तों आवारा पशुओं मुक्त करने का आदेश दिया था। अपने आदेश में न्यायालय कहा था कि आवारा कुत्तों के अलावा अन्य आवारा पशुओं को उनके मालिको के पास वापस सौंपा जाए। इन आवारा पशुओं के रिलीकेशन में यदि कोई बाधा डालता है तो उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करने के आदेश भी न्यायालय ने दिए थे। इस आदेश बाद भी सिरोही नगर परिषद के प्रशासक और आयुक्त इसकी पालना नहीं की जिसके परिणाम स्वरूप ये हादसा हुआ।

जिला कलेक्टर कर रहे है दोहरी अवमानना

राजस्थान हाईकोर्ट ने ये आदेश राजस्थान के सभी नगर निकायों के साथ-साथ यूआईटी को भी दिए थे। सिरोही की सभी नगर निकायों के साथ यहां की एकमात्र यूआईटी आबूरोड में भी आवारा पशु जी का जंजाल हुए हैं। इस विभाग को दो-दो आईएएस अधिकारी संभलते हैं। इसकी अध्यक्ष सिरोही कलेक्टर हैं और इसकी सचिव माउंट आबू उपखंड अधिकारी। यूआईटी क्षेत्र में आबूरोड चिकित्सालय लेकर आमथला तक के मुख्य मार्गों पर आवारा गोवंशो का जमावड़ा लगा रहता है। इन अधिकारियों न्यायालय आदेशों की पालना करते हुए यहां से भी इनको नहीं हटाया।

इनका कहना है…

इस मामले में अभी अधिकारियों खिलाफ परिवाद दिया है। सोमवार को उच्च न्यायालय की आदेश की प्रतिलिपि की प्रति लेकर न्यायिक राय लेकर इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।

महिपाल चारण

सिरोही नगर मंडल के पूर्व अध्यक्ष।