सिरोही भाजपा में महत्वाकांक्षा और वर्चस्व की खींचतान शुरू!

सबगुरु न्यूज-सिरोही। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही जिला और ब्लॉक स्तर पर भाजपा के नेताओं में स्थानीय निकायों और विभिन्न विभागों में अपने अपने आदमी सेट करवाने की होड़ लग गई है।

कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार की जयपुर से लेकर राजस्थान के अंतिम गांव तक सरकारी विभागों में फैलाई गई अनीति से परेशान होकर प्रदेश ने फिर से अशोक गहलोत को वनवास पर भेज दिया। लेकिन, भाजपाई इस गलत फहमी में हैं कि सरकार बदलने में उनका योगदान है। इसी गलतफहमी की वजह से वो अब अपने यहां से जीते हुए विधायकों पर दबाव बनाने लगे हैं। जहां विधायक शातिर हैं उनको छोड़ दें तो सिरोही और पिण्डवाड़ा जैसे स्थानों पर पर जातीय समीकरण से जीतकर आए विधायकों की स्थिति कार्यकर्ताओं ने खराब कर दी है।
विभिन्न विभागों में अपनी-अपनी पसंद के अधिकारी और कार्मिक लगाने को लेकर यहां सिर फुटव्वल देखने को मिल रही है। सिरोही के कलेक्टर और उपखण्ड अधिकारियों को पटवारी बनाने का दावा करके डायरियों में अधिकारियों का नाम लिखते फिरने वाले भाजपाई नेताओं को पीएमओ और सीएमओ ने उनकी हद जगह दिखाते हुए कलेक्टर को कलेक्टर और उपखण्ड अधिकारियों को उपखण्ड अधिकारी पद पर ही स्थानांतरित कर दिया।

अब दूसरे विभागों में अपने अपने आदमी सेट करने को लेकर बवाल हो रहा है। इसमें सबसे प्रमुख है चिकित्सा, शिक्षा और स्थानीय निकाय विभाग। सिरोही के पिण्डवाड़ा नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी को लेकर पिण्डवाड़ा भाजपा नगर मंडल, वहां के पालिकाध्यक्ष, पिण्डवाड़ा पंचायत समिति के बीच खींचतान अब चर्चा का विषय बनी हुई है।
-संगठन बनाम जनप्रतिनिधि
पिण्डवाड़ा नगर पालिका में हाल में सिरोही नगर पालिका के आरओ सुशील पुरोहित को कार्यवाहक आयुक्त का पदभार दिया। लेकिन, तुरंत ही उन्हें हटाकर फिर से इस स्थान को खाली कर दिया। पार्टी सूत्रों की मानें तो पिण्डवाड़ा नगर पालिका के आयुक्त पद पर त्रिकोणीय संघर्ष चल रहा है। भाजपा पिण्डवाड़ा नगर मंडल अपने नामित व्यक्ति को अधिशासी अधिकारी बनवाना चाहता है।

भाजपा के बागी होकर पिण्डवाड़ा पालिकाध्यक्ष बने पिण्टू मेवाड़ा अपना और तीसरा कोण बनाने में जो नाम चल रहा है वो बताया जा रहा है पिण्डवाड़ा के प्रधान नितिन बंसल का। पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा नगर मंडल यहां पर संयम लोढ़ा की वरदहस्ती में अधिशासी अधिकारी रहीं महिला ईओ को लाने के इच्छुक हैं।

इसकी वजह ये बताई जा रही है कि उनकी और भाजपा के बागी होकर अपना बोर्ड बनाने वाले पिण्टू मेवाड़ा के बीच अनबन है, जिसका फायदा संगठन को उन्हें सबक सिखाने में मिलेगा। वहीं शेष दो पक्षों ने भी अपना अपना जोर लगा रखा है।
-निकल गई दो-दो डिजायर
यहां पर संगठन और पार्टी के नेताओं के बीच के संघर्ष में विधायक भी पिस रहे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो यहां पर आयुक्त लगाने के लिए भाजपा नगर मंडल और दूसरे पक्ष के लोगों की पसंद के अधिशासी अधिकारी लगाने को लेकर पिण्डवाड़ा के भाजपा विधायक समाराम गरासिया ने दोनों को डिजायर दे दी। अब इसे लेकर डीएलबी पसोपेश में है कि किसे नियुक्त करें।

इसी विवाद को लेकर पिण्डवाड़ा भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष महावीर यति के नेतृत्व में पिण्डवाड़ा भाजपा के पदाधिकारी आबूरोड में भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेश कोठारी से मिले थे। इसको लेकर उन्होंने जिलाध्यक्ष के समक्ष आक्रोश भी जताया। ये हालात सिर्फ पिण्डवाड़ा नगर निकाय के हों ऐसा नहीं है सरकार बनने के दो महीने बाद भी आबूरोड और जावाल नगर पालिका भी स्थाई आयुक्त को तरस रही है जिससे जनहित के कई काम अटके हुए हैं। इस बीच कार्यवाहक आयुक्त कोटेशनों के माध्यम ने नगर पालिकाओ का खजाना अंधाधुंध लुटाने में लगे हुए हैं।
-मूल संगठन के पदाधिकारियों में भी खींचतान की चर्चा!
सत्ता मे आने पर संगठन पर वर्चस्व जमाने को लेकर सिर्फ भाजपा में ही वर्चस्व की लड़ाई चल रही है ऐसा नहीं है। भाजपा सूत्रों की मानें तो भाजपा के मूल संगठन में भी एक दूसरे की टांग खिंचाई शुरू हो गई है। संगठन पर एकाधिकार जमाने की लड़ाई में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान सिरोही में होने वाले कार्यक्रम में दो पदाधिकारियों में सोशल मीडिया पर एक दूसरे की काट करने का मुद्दे की चर्चा भी गर्म है।

हुआ यूं कि एक पदाधिकारी ने अपने रिश्तेदार के द्वारा राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा के दौरान करवाए जाने वाले कार्यक्रम को लेकर छपवाए गए पेम्फलेट की फोटो व्हाट्सएप समूह में डाल दी थी। इस पर संगठन में ही उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले दूसरे पदाधिकारी ने ये कहते हुए अप्रत्यक्ष टिप्पणी कर दी थी कि इस समूह में सिर्फ संगठन के ही कार्यक्रम की चर्चा की जाए। दरअसल, जिस व्यक्ति का पेमफलेट डाला था वो कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़ चुका था।  ऐसे में इस टिप्पणी ने ये संदेश दिया कि ये कार्यक्रम हिन्दु समाज का नहीं बल्कि सिर्फ भाजपा और उसके मूल संगठन का है।

इस टिप्पणी के जवाब में पेम्फलेट को व्हाटसएप समूह में डालने वाले पदाधिकारी ने भी पलटवार करते हुए कह दिया कि टिप्पणीकार ने भी तो सिरोही में नगर परिषद के द्वारा आयोजित कार्यक्रम का पेम्फलेट डाला है, जो कि संगठन का कार्यक्रम नहीं है। इस विवाद की चर्चा व्हाटसएप समूह से निकलकर आम कार्यकर्ताओं के बीच आई तो इसे संगठन पर अपना एकाधिकार जमाने की महत्वाकांक्षा से जोडक़र देखा जाने लगा है।