कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य द्वार के पास आज तीन महिलाओं ने कथित तौर पर खुद को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। प्रदेश में मतदाता सूचियों के आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद उनके नाम सूची से हटाए जाने की आशंका में उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया।
सतर्क सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते हस्तक्षेप महिलाओं को हिरासत में ले लिया। तीनों महिलाओं की पहचान पूर्णिमा हलदर, सुतिश्ना सपुई और बंदना नश्कर के रूप में हुयी है। ये सभी दक्षिण 24 परगना के बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन की निवासी हैं। इन्हें तुरंत चिकित्सा जांच के लिए सरकारी एस.एस.के.एम. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस के अनुसार पूर्णिमा हलदर ने सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोके जाने से पहले ही खुद पर केरोसिन डाल लिया था। पुलिस और जांच एजेंसियां महिलाओं से पूछताछ कर रही हैं ताकि उनके सार्वजनिक विरोध के पीछे का मकसद पता लगाया जा सके।
महिलाओं ने कथित तौर पर दावा किया कि उन्हें बताया गया था कि एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने के बाद उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएँगे। पुलिस इस दावे को लेकर सावधानी बरत रही है क्योंकि राज्य में अभी तक पुनरीक्षण अभियान शुरू नहीं हुआ है।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने एसआईआर प्रक्रिया का पूरी ताकत से विरोध करने का संकल्प लिया है। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली रवाना होने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए तर्क दिया कि अगर मतदाता सूची में वास्तव में हेरफेर किया गया था, तो उन सूचियों का उपयोग कर कराए गए लोकसभा चुनावों को अमान्य घोषित किया जाना चाहिए।
अभिषेक ने जोर देकर कहा कि अगर आप कहते हैं कि एसआईआर की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि मतदाता सूची में हेराफेरी की गई थी तो पिछले लोकसभा चुनाव जो उसी सूची के आधार पर हुए थे, में भी हेराफेरी की गई थी। इसी प्रक्रिया से चुने गए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए। जिन राज्यों में उस सूची के आधार पर चुनाव हुए थे वहां की विधानसभाओं को भी भंग कर देना चाहिए।