रायपुर। छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा की मां अपने जवान बेटे की मौत की खबर सुनकर चीखकर रोईं। रोती भी क्यों नहीं, मां जो ठहरी। बेटा भले ही गलत रास्ते पर चला गया हो, लेकिन मां तो मां है, उसके लिए तो वह बेटा ही रहेगा।
हिड़मा कितना खतरनाक नक्सली था, इसका पता इस बात से चलता है कि उसके कारण पांच बड़े हमलों को अंजाम दिया गया और इनमें 162 जवानों की शहादत हुई। आंध्र प्रदेश पुलिस के साथ 18 नवंबर को हुयी मुठभेड़ में माड़वी हिड़मा और उसके पांच साथियों की मौत हो गई थी।
नक्सल मामलों के जानकारों के मुताबिक हिड़मा सोलह–सत्रह साल की उम्र में बाल संघम सदस्य के तौर पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) में शामिल हुआ। अपने गांव में चरवाहे जैसी जिम्मेदारियों को निभाने वाले संतोष उर्फ माड़वी हिड़मा ने सालों तक एके-47 चलाई और बहुत सी बड़ी नक्सल घटनाओं की रणनीति भी बनाई।
हिड़मा के मारे जाने के बाद बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक पी. सुन्दराज ने कहा कि माड़वी हिड़मा बहुत सी नक्सल घटनाओं में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर शामिल रहा है। हिड़मा सेंट्रल कमेटी का सदस्य तथा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी का कमांडर भी रहा है।
इतने खूंखार नक्सली के जिला सुकमा के गांव पूर्वती में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा तीन बार जा चुके हैं। उन्होंने 10 नवंबर को पूर्वती गांव में नक्सली बारसे देवा की मां बारसे सिंगे और हिड़मा की मां माड़वी पूंजी तथा परिवार के दूसरे लोगों से मुलाकात की थी।
इस मुलाकात के समय दुभाषिए की सहायता से गृहमंत्री और हिड़मा की मां माड़वी पूंजी के बीच संवाद हुआ था। दो नक्सलियों की माताओं और परिवार के साथ गृहमंत्री विजय शर्मा ने दोपहर का भोजन किया था। भोजन के बाद माड़वी हिड़मा की मां माड़वी पूंजी ने एक वीडियो संदेश स्थानीय गोंडी बोली में दिया था। इस वीडियो संदेश को राज्य के गृहमंत्री ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए साझा किया था।
वीडियो संदेश में कहा गया था — कहां पर हो? आ जाओ कह रही हूं। तू आसपास होता तो तुझे खोज लेती। जंगल में तुझे कहां खोज लूं? जनता के साथ रहना है तू कहता था। लौट आ, जनता (गांव के लोगों) के साथ रहेंगे, घर में कमाई (खेतों से कमाई) करके जिएंगे।
माड़वी हिड़मा की यह पुकार शायद माड़वी हिड़मा सुन ही नहीं पाया। मंगलवार की सुबह उसकी अंतिम सुबह साबित हुई। माड़वी हिड़मा की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने खासतौर पर दो घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि ताड़मेटला और झीरम हमलों के जिम्मेदार नक्सली हिड़मा की मौत नक्सलवाद के सफाए की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। अब बस्तर के अंदरूनी इलाकों तक संविधान की गूंज होगी, अंदरूनी इलाकों तक शिक्षा, बिजली, सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा।
एलेरु सीथारामराजू जिले के जंगलों में माड़वी हिड़मा को ढेर करने वाली आंध्र प्रदेश की पुलिस ने मीडिया के लिए जारी किए गए प्रेस नोट में लिखा कि हमारा स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत रहा। मुठभेड़ में कोई आम नागरिक हताहत नहीं हुआ और न ही ग्रे हाउंड्स के किसी भी जवान को किसी भी तरह की क्षति पहुंची।



