राजस्थान में बनाई जाएगी ट्रॉमा केयर पॉलिसी : वी श्रीनिवास

जयपुर। राजस्थान मुख्य सचिव वी श्रीनिवास ने शनिवार को कहा कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम के लिए प्रभावी एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा और इसके तहत ट्रॉमा केयर पॉलिसी बनाई जाएगी तथा लेवल-प्रथम एवं लेवल-द्वितीय ट्रोमा सेंटर्स का मिशन मोड में सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।

श्रीनिवास ने आज यहां सवाई मान सिंह एसएमएस) अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के निरीक्षण किया और इस दौरान इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही इसके लिए पूरा रोड मैप तैयार करेगी ताकि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जनहानि को न्यूनतम किया जा सके।

उन्होंने कहा कि उच्चत्तम न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के दिशा-निर्देशानुसार प्रदेश में सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन एवं निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट के आधार एक प्रभावी एक्शन प्लान तैयार कर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में सड़क हादसों के दौरान त्वरित उपचार उपलब्ध करवाने के लिए ट्रोमा सेंटर्स में सुविधाओं को और बेहतर बनाया जाएगा।

ट्रोमा सेंटर्स में पर्याप्त संख्या में आईसीयू बेड्स, जीवन रक्षक उपकरण, जांच एवं दवाओं की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही रोगी भार के अनुपात में पूर्णतः प्रशिक्षित चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।

मुख्य सचिव ने ट्रोमा सेंटर में आपातकालीन कक्ष, आईसीयू एवं वार्ड में जाकर उपलब्ध सुविधाओं और उपचार की प्रक्रिया को बारीकी से देखा और रोगियों एवं उनके परिजनों से भी संवाद कर फीडबैक लिया। साथ ही, ट्रोमा सेंटर में संचालित बीएलएस ट्रेनिंग सेंटर का भी निरीक्षण किया तथा यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रतिभागियों से संवाद किया।

उन्होंने कहा कि एसएमएस अस्पताल का ट्रोमा सेंटर लेवल-प्रथम श्रेणी का है। यहां के प्रशिक्षण केंद्र में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य व्यक्तियों को प्रभावी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस ट्रोमा सेंटर सहित देशभर में सड़क सुरक्षा एवं जीवन रक्षा के लिए अपनाई जा रही बेस्ट प्रैक्टिसेज को प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। प्रदेश के अन्य ट्रोमा सेंटर्स को भी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि गोल्डन ऑवर्स में घायलों का जीवन बचाया जाना और अधिक सुगम हो सके।

इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में मरीज भार, उपलब्ध संसाधनों एवं मानव संसाधन के बारे में विस्तार से जानकारी ली। साथ ही प्रदेश के अन्य ट्रोमा सेंटर्स की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली।

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा गायत्री राठौड़ ने ट्रोमा सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यहां संचालित स्किल लैब देश की ऐसी पहली लैब है जहां सड़क दुर्घटना के दौरान घायलों को बेसिक लाइफ सपोर्ट देने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। अब तक यहां पर आठ हजार से ज्यादा प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है ताकि वे आपातकाल के शुरुआती चरणों में सहायता कर सकें। उन्होंने बताया कि 2500 से ज्यादा डॉक्टर तथा नर्सिंग ऑफिसर को भो इसकी ट्रेंनिग दी जा चुकी है।

शासन सचिव (परिवहन) शुचि त्यागी ने बताया कि जल्द ही राजस्थान में 13 बीएलएस ट्रेनिंग सेंटर बनाए जा रहे है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी।