नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत गाज़ियाबाद ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, नोएडा की एसएसआई शाखा के तत्कालीन प्रबंधक मनोज श्रीवास्तव को बैंक धोखाधड़ी मामले में दोषी ठहराते हुए चार साल के सश्रम कारावास और 30 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
सीबीआई ने 14 दिसंबर 2010 को यह मामला दर्ज किया था। आरोप था कि मई 2007 से जून 2009 के दौरान मनोज श्रीवास्तव ने शाखा प्रबंधक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए व्यापारी ओम प्रकाश माहेश्वरी (एम/एस पायनियर एंटरप्राइजेज), रश्मि श्रीवास्तव, चार्टर्ड अकाउंटेंट पृथ्वीराज सक्सेना और मनीष कोठारी के साथ मिलकर 27 सितंबर 2008 को जाली दस्तावेज़ों के आधार पर 40 लाख रुपये का ऋण मंजूर किया, जिससे बैंक को नुकसान हुआ।
सीबीआई ने 29 सितंबर 2012 को आरोपपत्र दाखिल किया और तीन नवम्बर 2017 को अदालत ने आरोप तय किए। अंततः इस वर्ष 13 अगस्त को मनोज श्रीवास्तव ने अदालत में अपना दोष स्वीकार करने का आवेदन दिया था। विशेष न्यायाधीश ने 25 सितंबर को दोष स्वीकारोक्ति को मानते हुए उन्हें दोषी ठहराया और सजा सुनाई है।