मूल्य आधारित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का पर्याय बनी है विद्या भारती : नवीन कुमार झा

विद्या भारती ने पूर्ण की 73 साल की यात्रा
अजमेर। वर्ष 1952 में गोरखपुर से प्रारंभ हुई विद्या भारती अखिल भारतीय शैक्षिक संस्थान की यात्रा आज लगभग 73 वर्ष पूर्ण कर चुकी है वर्तमान में संपूर्ण देशभर में अपने लगभग 13000 विद्यालयों में 35 लाख विद्यार्थियों को भारत केंद्रित, मूल्य आधारित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संस्थान द्वारा दी जा रही है यह जानकारी मंगलवार को पुष्कर मार्ग स्थित आदर्श विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय के सभागार में आयोजित विद्या भारती चित्तौड़ प्रांत की वार्षिक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राजस्थान के प्रचार प्रमुख नवीन कुमार झा ने दी।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि विद्या भारती के विद्यार्थी जहां भारतीय संस्कृति के मूल्यों के अनुरूप विकसित हो रहे हैं वहीं राजस्थान बोर्ड की परीक्षाओं में भी लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वर्ष भी कक्षा 10वीं में 98 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 40 रही जिनका सम्मान समारोह आगामी 5 जुलाई को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर जयपुर में होने जा रहा है। समारोह के मुख्य अथिति राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े रहेंगे।

उन्होंने बताया कि विद्या भारती विद्यालय से पढ़कर निकले छात्र आज समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में प्रतिष्ठा प्राप्त कर समाज परिवर्तन के कार्य में संलग्न हैं। ये पूर्व छात्र विश्व के 87 से अधिक देशों में कार्यरत हैं। विद्या भारती के पूर्व छात्रों का ऑनलाइन पोर्टल वर्तमान में 10.50 लाख छात्रों के रजिस्ट्रेशन के साथ ही विश्व का सबसे बड़ा एलुमनी पोर्टल बन गया है।

विद्या भारती चित्तौड़ प्रांत के सचिव मानेग पटेल ने विद्या भारती के विजन 2047 और पंच परिवर्तन को रखते हुए बताया की भारत के स्वराज के शताब्दी वर्ष अर्थात 2047 तक विकसित भारत के संकल्प के प्रति अपनी पूर्ण प्रतिबद्धता अभिव्यक्त करते हुए विद्या भारती संचालित विद्यालय इस अनुकूल अपने विद्यार्थियों के निर्माण के कार्य को और तीव्र गति से करेंगे। साथ ही अपने अभिभावकों और प्रबंध समितियों के माध्यम से समाज में पंच परिवर्तन यथा सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य बोध, पर्यावरण संरक्षण तथा स्व के बोध के जागरण के लिए कार्य करेंगे। पत्रकार वार्ता का संचालन विद्या भारती संस्थान अजमेर के सह सचिव भूपेंद्र उबाना ने किया।