कोलंबो। चक्रवाती तूफान ‘दितवा’ ने श्रीलंका में भीषण तबाही मचाई है तथा अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 21 लोग लापता और 14 घायल हुए हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार चक्रवाती तूफान से करीब 50 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।
श्रीलंका के स्थानीय मीडिया डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक लगातार भारी बारिश और तेज हवाओं से कई जिलों में नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सरकार ने केलानी नदी घाटी के कई निचले इलाकों में अगले 48 घंटे के भीतर बाढ़ की आशंका जताते हुए राजधानी कोलंबो सहित कई क्षेत्रों को अलर्ट पर रखा है। देश के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों में अत्यधिक बारिश हुई है। कई इलाकों में बारिश की मात्रा 200 से 300 मिलीमीटर दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के अनुसार तूफान का केंद्र त्रिंकोमाली से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है और इसके उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है।
तेज मौसम के चलते रेल विभाग ने शुक्रवार सुबह सभी रेल सेवाएं निलंबित कर दीं। कई क्षेत्रों में सड़कें पेड़ गिरने और जलभराव के कारण अवरुद्ध हैं। तेज बारिश और पेड़ों के गिरने से बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है।
कई इलाके पूरी तरह अंधेरे में डूबे हुए हैं। कोलंबो के कई मुख्य मार्गों में आवागमन बाधित है। सेना की 20,500 से अधिक टुकड़ियां राहत और बचाव कार्यों में लगा दी गई हैं। बीते 24 घंटों में करीब 3,790 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सभी पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां 30 नवंबर तक रद्द कर दी गई हैं।
खराब मौसम के कारण भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बीती रात से अब तक 15 उड़ानों को तिरुवनंतपुरम और कोचिन की ओर मोड़ा गया। श्रीलंकन एयरलाइंस ने यात्रियों से उड़ान प्रस्थान की स्थिति पहले ही जांचने की अपील की है। श्रीलंका सरकार ने कोलंबो में तैनात भारतीय युद्धपोत से भी सहायता मांगी है।
सरकार ने राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 1.2 अरब रुपए की धनराशि जारी की है और जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। आर प्रेमदासा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को आपात राहत केंद्र घोषित किया गया है, जहां आवश्यकता पड़ने पर तीन हजार लोगों को ठहराया जा सकेगा। पुलिस ने आपदा संबंधी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
सरकार पर्यटन प्राधिकरण से विदेशी पर्यटकों को आवश्यक सेवाएं तत्परता से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। सरकार शाम को प्रधानमंत्री हरिनी अमरासूरिया की अध्यक्षता में बैठक कर अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील पर निर्णय लेगी।



