नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस अपराध शाखा (उत्तरी परिक्षेत्र-I) ने एक सनसनीख़ेज़ मामले का खुलासा करते हुए चार आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। मामला हाईवे पर ट्रक चालक को ज़हरीला इंजेक्शन लगाकर लगभग 6,000 किलो तांबे का स्क्रैप लूटने का था जिसकी क़ीमत 55 लाख रुपए से अधिक आंकी गई है। पुलिस ने महज़ 48 घंटे में पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश करते हुए माल भी बरामद कर लिया।
उपायुक्त अपराध शाखा हर्ष इंदौरा ने शनिवार को बताया कि घटना नौ सितंबर को हुई थी। शिकायतकर्ता मनोज कुमार, जो पेशे से ट्रक चालक है, लिबासपुर से मडोली की ओर टाटा-709 ट्रक में तांबे का स्क्रैप (करीब 80 बोरियों में भरा) लेकर जा रहा था। सुबह लगभग 11 बजे जब उसका ट्रक सिग्नेचर ब्रिज पार करने के बाद रिंग रोड पर पहुँचा तो एक स्विफ्ट कार ने उसे रोक लिया।
कार सवारों ने बैंक अधिकारी बनकर किश्त बकाया होने का झांसा दिया। इसके बाद दो लोग जबरन ट्रक में चढ़े और मनोज को इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया। होश आने पर वह अस्पताल में था और पूरा माल ग़ायब हो चुका था। इस आधार पर थाना उस्मानपुर में मामला दर्ज किया गया।
जांच अपराध शाखा को सौंपी गई। इंस्पेक्टर पुखराज सिंह की अगुवाई में गठित टीम ने 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड खंगाले। तकनीकी निगरानी और गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस को पता चला कि खुद चालक मनोज ही इस साज़िश का हिस्सा था। पूछताछ में उसके बयान विरोधाभासी पाए गए और अंततः उसने अपराध कबूल कर लिया।
मनोज ने बताया कि उसने अपने साथी आदित्य, कबाड़ी कारोबारी अरुण सोनी और रामज़ान के साथ मिलकर पूरी योजना बनाई थी। अरुण ने तांबे का माल बेचने की तैयारी कर रखी थी, जबकि रामज़ान ने मनोज को इंजेक्शन लगाकर नकली लूट की घटना को अंजाम दिया।
पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ़्तार कर ट्रक, तांबे का पूरा माल, इंजेक्शन और सिरिंज बरामद कर लिए। जांच में यह भी सामने आया कि मनोज शराब का आदी है और पहले भी कई नौकरियों से निकाला जा चुका है। आदित्य बेरोज़गार है और अरुण पुराना कबाड़ी है। वहीं, रामज़ान नशे का आदी है और इंजेक्शन लगाने में माहिर है।