अजमेर। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में सामवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी और यूनिवर्सिटी प्रशासन आमने सामने हो गए। देखते ही देखते दोनों के बीच बहस ने हंगामे का रूप ले लिया।
एबीवीपी पदाधिकारी आसुराम डुकिया व कुलपति में जमकर बहस हुई। आलम यह था कि एबीवीपी पदाधिकारी ने कुलपति कक्ष में धरना देना शुरू कर दिया। करीब आधे घंटे तक हालात गर्मागर्मी के बने रहे। एबीवीपी कार्यकर्ता बीएड कॉलेजो में डोनेशन के नाम पर अवैध वसूली का विरोध करते हुए महाराणा प्रताभ सभागार के समीप जमा हो गए। सभागार को बंद कर करीब 2 घंटे जमकर नारेबाजी की तथा कुलपति सचिवालय का घेराव किया।
एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य आसुराम डुकिया ने बताया कि एमडीएसयू के अन्तर्गत आने वाले बीएड और एसपीएल बीएड कॉलेज में उपस्थिति के नाम पर 20-20 हजार रुपए ऐठें जा रहे हैं। वर्षभर छात्रों को कुछ नहीं पढाया जाता है। इन कॉलेजों में न तो शिक्षक हैं न ही कालेज नियमानुसार सुविधाएं है। एक दो कॉलेज तो ऐसे हैं जहां बिल्डिंग भी नहीं है। छात्र शिकायत करते हैं तो उन्हे करियर खराब करने की धमकी दी जाती है।
एबीवीपी को ऐसे मामले की नागौर और अजमेर शहर के कई कालेजों की शिकायतें मिली है। ये शिकायतें कुलपति महोदय को उपलब्ध करवाई गई है। एबीवीपी से यूनिवर्सिटी अध्यक्ष महिपाल ने कहा कि नियम विरूद्ध चलने वाली सभी बीएड व स्पेशल बीएड कॉलेज की जांच कर उनकी मान्यता रद्द की जाए। छात्रों की मांग पर कुलपति ने आश्वासन दिया कि ऐसे बीएड कॉलेजों के ख़िलाफ़ जांच के लिए एक कमेटी का तत्काल गठन किया जाएगा। इस मौके पर लक्ष्य सैनी, छात्र नेता नंदू गुर्जर, योगेश गुर्जर, जसवंत परमार आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।




