जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर उत्पन्न वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर शुक्रवार को यहां राज्य मंत्रिपरिषद् की बैठक लेकर प्रशासनिक और आपदा राहत तैयारियों की समीक्षा की और प्रभारी मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों एवं प्रभारी सचिवों को अपने क्षेत्रों में निरन्तर सम्पर्क बनाए रखने और आवश्यकता के अनुरूप जरूरी संसाधनों की उपलब्धता एवं व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
शर्मा ने मुख्यमंत्री कार्यालय आयोजित बैठक में कहा कि राजस्थान की लम्बी अन्तरराष्ट्रीय सीमा के मद्देनजर प्रदेशवासियों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। इसे देखते हुए आमजन सोशल मीडिया पर चलने वाले भ्रामक और अफवाह फैलाने वाली खबरों का प्रसार करने से बचें और सरकार द्वारा जारी अधिकृत सूचनाओं पर ही विश्वास करें।
बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री डा प्रेमचंद बैरवा और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस वार्ता में बताया कि मंत्रिपरिषद् की बैठक में आपात स्थिति के समय उठाए जाने वाले सभी आवश्यक कदमों और उनकी तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। बैठक में शर्मा ने केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए जरूरी दिशा-निर्देशों की स्थानीय प्रशासन द्वारा आवश्यक पालना करवाए जाने के संबंध में निर्देश दिए।
डा बैरवा ने बताया कि सरकार ने सीमावर्ती जिलों में रिक्त पदों को तुरंत भरने का काम शुरू कर दिया है। बिजली, पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागों के साथ उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों के इन जिलों में रिक्त पदों को भरे जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर एवं श्रीगंगानगर जिलों में पांच-पांच करोड़ तथा जोधपुर, हनुमानगढ़ एवं फलौदी जिलों में 2.5-2.5 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष के नियमों में शिथिलता प्रदान कर स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि का उपयोग आवश्यकतानुसार राहत एवं सहायता कार्यों में किया जा सकेगा। साथ ही आपदा प्रबंधन मद से सभी जिलों में आवश्यक उपकरण इत्यादि उपलब्ध करवाने के लिए 19 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।
आरएसी, एसडीआरएफ, बॉर्डर होमगार्ड आदि की अतिरिक्त नफरी सीमावर्ती क्षेत्रों में भेजी जा रही है। पुलिस एवं प्रशासन को 24 घंटे मुस्तैद रहने के लिए कहा गया है। इन जिलों में अतिरिक्त दमकल और एंबुलेंस की सेवाएं भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जा रहा है।
पटेल ने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्री ने खाद्यान्न, दवाईयों सहित अन्य जरूरी वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सीमावर्ती जिलों में अधिक भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं करने का निर्णय भी किया गया। रात में आवश्यकतानुसार लाइट और सड़क तथा रेलमार्ग पर मूवमेंट को रोकने तथा आवश्यकतानुसार ब्लैकआउट को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित एजेंसिंयों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
रक्तदान शिविर लगाने वाली संस्थाओं और रक्तदान करने वाले नियमित डोनरों को भी सक्रिय किया गया है। जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा की गई है कि वे प्रशासनिक निर्देशों और केन्द्र एवं राज्य सरकार की एडवाइजरी की पालना के लिए आमजन को प्रेरित करें तथा छोटी से छोटी घटनाओं पर नजर रखते हुए अफवाहों को फैलने से रोकें।
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