सनातन राष्‍ट्र शंखनाद महोत्‍सव में फहराया गया सनातन धर्म का ध्‍वज

फोंडा, गोवा (सच्‍चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेनगरी)। सनातन राष्‍ट्र शंखनाद महोत्‍सव के दूसरे दिन एक ऐतिहासिक घटना घटित हुई। इस अवसर पर सनातन संस्‍था के संस्‍थापक सच्‍चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी के शुभ हाथों से शंखनाद और वेदमंत्रों के गान के बीच सनातन धर्म के ध्‍वज का आरोहण किया गया।

इस समय सच्‍चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले की आध्‍यात्‍मिक उत्तराधिकारी बिंदा नीलेश सिंगबाळजी एवं अंजली मुकुल गाडगीळजी सहित सनातन के संतों की वंदनीय उपस्‍थिति रही। कार्यक्रम में 23 देशों से 20 हजार से अधिक साधक और हिन्‍दू धर्मप्रेमी उपस्‍थित थे। इस अवसर पर सनातन हिन्‍दू धर्म का विजय हो और जय श्रीराम के उद़्‍घोषों से वातावरण गूंज उठा।

सनातन धर्मध्‍वज की विशेषताएं

प्रत्‍येक मंदिर में जिस प्रकार ध्‍वज-स्‍थापना होती है, उसी प्रकार सनातन राष्‍ट्र से संबंधित ‘सनातन धर्मध्‍वज’ का आरोहण किया गया। यह ध्‍वज न तो राजनीतिक है और न ही संवैधानिक, अपितु यह आध्‍यात्‍मिक स्‍वरूप का धर्मध्‍वज है। यह ध्‍वज विश्‍व के कोने-कोने में बसे हिन्‍दुओं को सनातन हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना के लक्ष्य का स्‍मरण कराएगा।

महाभारत के युद्ध में जिस रथ पर श्रीकृष्‍ण और अर्जुन विराजमान थे, उस रथ पर बैठे हनुमान जी ने जो ध्‍वज धारण किया था, वह सनातन धर्म का ध्‍वज था। हनुमान जी का रंग सिंदूरी अर्थात केसरिया है इसलिए सनातन राष्‍ट्र का ध्‍वज भी केसरिया रंग का है। इस ध्‍वज पर कल्‍पवृक्ष के नीचे कामधेनु खडी है ऐसा चित्र अंकित है। कल्‍पवृक्ष और कामधेनु दोनों समृद्धि, पालन-पोषण, संरक्षण और श्रीविष्‍णु के अभय वरदहस्‍त’ के प्रतीक हैं। देखें : SanatanRashtraShankhnad.in

 

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