नशा मुक्ति जागरूकता हेतु नुक्कड़ नाटक व नशामुक्ति शपथ दिलाई
अजमेर। भैरव धाम राजगढ पर आयुर्वेद विभाग की ओर से 15 जून से चलाए जा रहे आयुष्मान भारत योगाभ्यास शिविर का रविवार को धाम के मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज के सान्निध्य में विधिवत समापन किया गया।
प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. दिनेश कुमार मीणा, योग प्रशिक्षक गौतम शर्मा, नंदराम जाट, रतनलाल सेन व एकता रावत आदि ने धाम पर उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं को योग के विभिन्न आसनों के जरिए योगाभ्यास करवाया साथ ही नियमित रूप से योग करने का आहवान किया। राष्ट्रीय योग अभ्यासिका तमन्ना टांक ने विभिन्न योग कलाओं के साथ क्लासिकल म्युजिक थीम के माध्यम प्रस्तुूति देकर श्रद्धालुओं को योग साधना के लिए प्रेरित किया।
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि समापन के अवसर पर श्रद्धालुओं व भैरव भक्त मण्डल के सदस्यों को शरीर व मन को स्वस्थ रखने के लिए सूर्यनमस्कार, ताड़ासन, सुषमा व्यायाम सहित अन्य प्राणायाम करवाकर योग शिविर का समापन करवाया गया।
हजारों श्रद्धालुओं ने ली शपथ
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अजमेर के तत्वावधान में संयुक्त निदेशक जयप्रकाश चरण एवं उनकी टीम सदस्य देवेंद्र सरोई, चंद्रसेन मीणा, आकाश चौधरी, प्रकाश यादव, आकाश पवार की मौजूदगी में भैरव धाम राजगढ़ पर नशा मुक्ति हेतु नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अपना थिएटर संस्थान की ओर से नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। धाम पर उपस्थित लगभग 20 हजार श्रद्धालुओं में से करीब 3 हजार श्रद्धालुओं ने नशे का त्याग कर जीवन में दोबारा नशा नहीं करने की शपथ ली। मंदिर प्रबंधन की ओर से राहुल सेन के द्वारा सभी का अभिनंदन कर स्वागत किया गया।
तन को तोडता, मन को मरोडता, यह नशा नहीं विनाश है : चम्पालाल महाराज
चम्पालाल महाराज ने धाम पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि नशा तन को तोड़ता है, मन को मरोड़ता है, यह नशा नहीं विनाश है। नशा सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि परिवार, समाज और संस्कृति को भी खोखला कर देता है। जो मनुष्य नशा छोड़कर कर्तव्य और मावन सेवा का मार्ग अपनाता है, वही सच्चा जीवन जीता है। नशा नाश का मार्ग है और सत्संग, सेवा व संयम ही सच्चा विकास है। आओ, भैरव बाबा की कृपा से आज हम सब मिलकर इस पवित्र धाम से नशा मुक्ति का दीप जलाएं और समाज को एक नई दिशा की ओर ले जाएं।
प्रवक्ता सेन ने बताया कि धाम पर व्यवस्थापक ओमप्रकाश सेन, रमेश सेन, अविनाश सेन, राहुल सेन, ताराचन्द सेन, कैलाश सेन, विष्णु सेन, कपिल सेन, यश, वेदान्श, मुकेश सेन, मिलन, भव्य, यवराज, वैभव, मिताली, वंशिका, प्रकाश रांका, सुनील रांका, पदमचंद, कन्हैयालाल, देवानन्द, राजू चावडा, विजेन्द्र सिंह, सुनील मेहता, मौजूद थे।