कस्बा लॉ कॉलेज गैंगरेप : भाजपा ने ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कोलकाता के कस्बा लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ जघन्य सामूहिक बलात्कार की घटना को राज्य सरकार के संरक्षण में हुआ अपराध करार देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा देने की मांग की है तथा इस घटना की जांच के लिए एक चार सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की है।

भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बंगाल में जो रहा है उसको लेकर हम सब बहुत पीड़ा में हैं। बंगाल में महिलाओं के साथ इस प्रकार के क्रूर व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम ममता बनर्जी स्पष्टीकरण नहीं मांग रहे हैं, हम उनसे माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग करते हैं।

उन्होंने कहा कि कोलकाता के लॉ कॉलेज में हुई इस भयावह घटना से पूरा देश दुखी है। आश्चर्य की बात है कि पश्चिम बंगाल किस दिशा में जा रहा है। यह दुखद है कि बंगाल में महिलाओं के खिलाफ इस तरह के जघन्य अपराध बार-बार सामने आ रहे हैं, जबकि यहां एक महिला मुख्यमंत्री हैं। यहां महिलाओं के साथ इतनी क्रूरता क्यों हो रही है। पीड़िता के बयान से पता चलता है कि यह राज्य प्रायोजित क्रूरता है।

ऐसा कहने का कारण यह है कि कथित तौर पर कॉलेज यूनियन इसमें शामिल है। मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा का सचिव रहा है। वह इसी कॉलेज का छात्र है, कानून की पढ़ाई कर रहा है और साथ ही सत्तारूढ़ पार्टी के छात्र संगठन से भी जुड़ा हुआ है। उसकी तस्वीरें अभिजीत बनर्जी, सांसद कल्याण बनर्जी, मुख्यमंत्री की रिश्तेदार कजरी बनर्जी के साथ हैं जो इन नेताओं के साथ उसकी निकटता जाहिर करती हैं।

डॉ. पात्रा ने कहा कि 25 जून के दिन कोलकाता के कस्बा लॉ कॉलेज में लगभग 24-25 वर्षीय हमारी एक बहन, एक छात्रा के साथ जिस प्रकार का एक जघन्य गैंगरेप का केस हुआ है, उसको लेकर आज पूरे भारतवर्ष में एक दुख का माहौल है। अचरज का माहौल है कि आखिर बंगाल किस तरफ बढ़ रहा है। बंगाल में रह-रह कर ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, चाहे आरजी कर मेडिकल कॉलेज का विषय हो, चाहे कस्बा लॉ कॉलेज का विषय हो। जहां एक महिला मुख्यमंत्री है, वहां महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता होनी चाहिए, वहां इस प्रकार की संवेदनहीनता, इस प्रकार की क्रूरता आखिर क्यों है? पीड़िता ने खुद लिखित बयान जारी किया है, जिसे ध्यान से पढ़ा जाए तो उससे स्पष्ट होता है कि जो गैंगरेप का कुचक्र हुआ है, वो कहीं न कहीं राज्य प्रायोजित क्रूरता है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि जो मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा के साथ के दो आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी भी लॉ कॉलेज के छात्र हैं। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा कि तीनों आरोपियों ने 25 जून को शाम 7.30 बजे से 10.50 बजे के बीच कॉलेज परिसर में अपराध को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि पीड़िता की शिकायत में बताया गया है कि आरोपियों में से एक ने पीड़िता से शादी करने के लिए भी कहा था। जब उसने इनकार कर दिया, तो उन्होंने क्रूरता से अपराध किया। यह भयावह घटना कॉलेज के गार्ड रूम के अंदर हुई। गार्डों को परिसर छोड़ने का निर्देश दिया गया था। दुख की बात यह है कि गार्ड पास में ही मौजूद थे, फिर भी अपराध हुआ।

डॉ. पात्रा ने कहा कि क्रूरता का स्तर अकल्पनीय है। पीड़िता को हॉकी स्टिक से बेरहमी से पीटा गया। मारपीट के दौरान जब उसे अस्थमा का दौरा पड़ा, तो उसने अपने इनहेलर के लिए गुहार लगाई और अस्पताल ले जाने की भीख मांगी – लेकिन वह बुनियादी मदद भी नहीं दी गई। तृणमूल कांग्रेस के इन गुंडों द्वारा किए गए अत्याचार राजनीतिक संरक्षण में व्याप्त अराजकता और क्रूरता की गहराई को दर्शाते हैं।

उन्होंने कहा कि पीड़िता को धमकी दी गई कि अगर उसने मुंह खोला तो उसे और उसके प्रेमी को मार दिया जाएगा और उसके माता-पिता को झूठे आरोप में गिरफ्तार कर सरकार द्वारा परेशान किया जाएगा। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि आरोपी को किस तरह का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। मुख्य आरोपी, जो तृणमूल कांग्रेस का सदस्य है, अक्सर तृणमूल कांग्रेस विधायकों, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और यहां तक ​​कि ममता बनर्जी के रिश्तेदारों के साथ तस्वीरों में देखा जाता है। क्रूर अपराधों की यह शैली बताती है कि इस तरह के जघन्य कृत्यों को राजनीतिक समर्थन और कानून और न्याय के प्रति पूर्ण उपेक्षा से प्रेरित होकर कैसे हल्के में लिया जाता है।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कोलकाता की इस घटना पर तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी की शर्मनाक टिप्पणी ‘अगर कोई दोस्त ही दोस्त का बलात्कार करे तो क्या किया जा सकता है?’ सत्तारूढ़ पार्टी की चौंकाने वाली मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने सवाल किया कि क्या कॉलेज राज्य के अधिकार क्षेत्र से बाहर है? या पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था का नामोनिशान ही नहीं है?

डॉ. पात्रा ने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कस्बा लॉ कॉलेज की घटना की जांच के लिए एक चार सदस्यीय समिति गठित करने का निर्णय किया है जिसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त सतपाल सिंह, पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री एवं अधिवक्ता मीनाक्षी लेखी, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री विप्लब देव तथा सांसद एवं बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रमुख मनन कुमार मिश्रा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये समिति घटनास्थल का दौरा करेगी और पार्टी अध्यक्ष को इसकी रिपोर्ट सौंपेगी।