कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली असम सरकार पर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश करार दिया है।
मुख्यमंत्री ने स्थिति को चिंताजनक बताते हुए सभी विपक्षी दलों से भाजपा की अलोकतांत्रिक, विभाजनकारी एवं दमनकारी नीति के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है। यह विवाद पहली बार सोमवार को उस समय सामने आया जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद तथा प्रवासी श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया।
इस्लाम ने आरोप लगाया कि कूचबिहार के दिनहाटा निवासी उत्तम कुमार ब्रजबासी को असम सरकार का एनआरसी नोटिस प्राप्त हुआ। इस्लाम ने जो दस्तावेज साझा किया उससे पता चलता है कि उस व्यक्ति का नाम 1966 से ही मतदाता सूची में है। उन्होंने सवाल किया कि जिस व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में 50 वर्ष से अधिक समय से है तो उसे एनआरसी प्रोटोकॉल के अंतर्गत अब कैसे निशाना बनाया जा सकता है।
बनर्जी ने आज सुबह सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कूचबिहार राजवंशी समुदाय के सदस्य उत्तम कुमार के खिलाफ हो रही प्रताड़ना पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनके पास वैध पहचान दस्तावेज होने के बावजूद असम में अधिकारी उनके साथ कथित रूप से संदिग्ध विदेशी या अवैध घुसपैठिया जैसा व्यवहार कर रहे हैं।
इस घटना का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने लिखा कि मैं यह जानकर स्तब्ध और परेशान हूं कि असम में विदेशी न्यायाधिकरण ने कूच बिहार में 50 वर्षों से अधिक समय से रह रहे उत्तम कुमार को एनआरसी नोटिस जारी किया है। वैध पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करने के बावजूद उन्हें विदेशी या अवैध प्रवासी होने के संदेह में परेशान किया जा रहा है।
ममता बनर्जी ने भाजपा पर हमला करते हुए दावा किया कि यह घटना पश्चिम बंगाल में एनआरसी को आगे बढ़ाने के व्यापक एजेंडे को दर्शाती है जबकि भाजपा को ऐसा कदम उठाने का कोई कानूनी या संवैधानिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने लिखा कि यह लोकतंत्र पर एक व्यवस्थित हमले से कम नहीं है। यह इस बात का सबूत है कि असम की भाजपा सरकार बंगाल में एनआरसी लागू करने की कोशिश कर रही है जहां उसके पास कोई शक्ति या अधिकार क्षेत्र नहीं है। समाज में हाशिए पर रह रहे समुदायों को डराने, उनको अधिकारों से वंचित करने और उन्हें निशाना बनाने की एक सुनियोजित कोशिश की जा रही है। यह असंवैधानिक अतिक्रमण जनविरोधी है और लोकतांत्रिक सुरक्षा उपायों को नष्ट करने तथा राज्य के लोगों की पहचान मिटाने के भाजपा के खतरनाक एजेंडे को दर्शाता है।
बनर्जी ने केंद्र की भाजपा सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यह चिंताजनक स्थिति है और इसे इसे देखते हुए सभी विपक्षी दलों से एकजुट होकर मांग की जाती है कि वे सभी भाजपा की विभाजनकारी एवं दमनकारी मशीनरी के खिलाफ खड़े इसका विरोध करें। बंगाल अब चुप नहीं रहेगा क्योंकि भाजपा के कृत्यों से देश का संवैधानिक ताना-बाना बिखर रहा है।