विधायक कैंटीन मैनेजर को थप्पड़ मारने पर मुझे पछतावा नहीं : ​संजय गायकवाड

मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे) के विधायक संजय गायकवाड़ ने आकाशवाणी विधायक कैंटीन मैनेजर को थप्पड़ मारने का बचाव करते हुए आज कहा कि उन्हें अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं है। गौरतलब है कि कैंटीन में बासी खाना परोसे जाने को लेकर गायकवाड़ ने कैंटीन मैनेजर की बुरी तरह पिटाई की थी।

उन्होंने कहा कि पिटाई के बाद ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने उस कैंटीन का लाइसेंस रद्द कर दिया, जो लोगों को घटिया खाना परोस रही थी। मेरा तरीका गलत हो सकता है, लेकिन मेरी प्रतिक्रिया गलत नहीं थी।

उन्होंने सवाल किया कि विपक्ष को विधायक छात्रावास कैंटीन का दक्षिण भारतीय मैनेजर इतना पसंद क्यों है। उन्होंने विपक्षी विधायकों से पूछा कि विपक्ष ने पिटाई की घटना को लेकर मेरी आलोचना की है, लेकिन मैं उन्हें बता दूं कि महाराष्ट्र को दक्षिण भारत के लोगों ने बर्बाद कर दिया है। दक्षिण भारत के शेट्टी समुदाय द्वारा चलाए जा रहे सभी लेडीज़ सर्विस बार और डांस बार ने युवाओं को बर्बाद करते हुए महाराष्ट्र की संस्कृति को दूषित कर दिया। मैंने जो कुछ भी किया, महाराष्ट्र के लोगों के लिए किया। तो फिर विपक्ष दक्षिण भारतीयों से इतना प्यार क्यों करता है?

शिवसेना विधायक ने कहा कि दक्षिण भारतीयों ने महाराष्ट्र के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया है। महाराष्ट्र में सभी डांस बार और लेडीज़ सर्विस बार कर्नाटक के इन शेट्टी लोगों के हैं। इन लोगों ने महाराष्ट्र की संस्कृति को नष्ट करने का काम किया है। ये लोग महाराष्ट्र के युवाओं को बर्बाद कर रहे हैं। अब, ये हमारे स्वास्थ्य को बर्बाद करने का काम कर रहे हैं। इस कैटरर का लाइसेंस रद्द होने के बाद इसे मराठी लोगों को दिया जाना चाहिए, जो जानते हैं कि महाराष्ट्र के लोग क्या खाते हैं।

गायकवाड़ ने कहा कि मेरा अपराध इतना बड़ा नहीं है। यह केवल एक मामूली हमला है जिसके लिए कानून में सज़ा का कोई प्रावधान नहीं है। यह केवल एक असंज्ञेय अपराध है। कानूनी तौर पर इसके लिए सज़ा का कोई प्रावधान नहीं है। चूँकि महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र चल रहा है, इसलिए मैंने अध्यक्ष से मुलाकात की। अब मैं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलकर अपना पक्ष रखूंगा। अगर मेरा कृत्य गलत लगता है तो मैं मुख्यमंत्री द्वारा दी जाने वाली सज़ा के लिए तैयार हूं।

उन्होंने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि जिस व्यक्ति की मैंने पिटाई की वह कोई वेटर नहीं, बल्कि एमएलए हॉस्टल की कैंटीन का मैनेजर था। कैंटीन मालिक ने उसे निलंबित कर दिया है। पिछले पांच सालों में इस कैंटीन के खिलाफ 400 शिकायतें मिलीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। नरहरि जिरवाल साहब ने कहा कि मैंने कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन दो महीने हो गए हैं और मुझे कोई रिपोर्ट नहीं मिली। कैंटीन में पांच से दस हज़ार लोग खाना खाते थे और उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। इसलिए मेरी प्रतिक्रिया गलत नहीं थी। मेरा रास्ता गलत था, लेकिन मेरे पास ऐसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। मेरे इस कदम से लाखों लोगों का स्वास्थ्य बचेगा।

उल्लेखनीय है कि गायकवाड़ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारतीय होटल एवं रेस्टोरेंट संघ (एएचएआर) फडणवीस सरकार द्वारा एक साल से भी कम समय में आतिथ्य क्षेत्र पर लगाए गए बेहताशा करों के बाद सांकेतिक हड़ताल पर जाने की योजना बना रहा है।

एएचएआर के अध्यक्ष सुधाकर शेट्टी के अनुसार एक साल से भी कम समय में शराब पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया। इसके बाद वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए लाइसेंस शुल्क में 15 प्रतिशत की वृद्धि और राज्य उत्पाद शुल्क में 60 प्रतिशत की भारी वृद्धि की गई।

उन्होंने कहा कि अनुमानित 18 लाख लोग अप्रत्यक्ष रूप से अपनी आजीविका के लिए इस क्षेत्र पर निर्भर हैं। कई होटल व्यवसायी इस बात को लेकर आशंकित हैं कि क्या वे इस तरह के दबाव और कर व्यवस्था के तहत अपना कारोबार कर पाएंगे, क्योंकि वे मात्र पांच प्रतिशत के मामूली लाभ पर काम करते हैं। शेट्टी ने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजीत पवार से मिलने का आग्रह किया है।