भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर जिले के एक सरकारी स्वायत्त कॉलेज में लंबे समय से शिक्षक का यौन उत्पीड़न झेल रही स्नातक छात्रा ने आत्मदाह करने के लगभग 55 घंटे तक जीवन और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद सोमवार देर रात दम तोड़ दिया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर के एक अधिकारी ने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम के अथक प्रयासों के बावजूद हम छात्रा को बचा नहीं सके। कल रात 11.47 बजे उसकी मृत्यु हो गई। वह 90 प्रतिशत से अधिक जल चुकी थी और उसके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने छात्रा को बचाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन वे उसे बचा नहीं पाए। छात्रा को शनिवार को यहां भर्ती कराया गया था।
गौरतलब है कि एक सहायक प्रोफेसर द्वारा यौन संबंध बनाने की मांग करने और न बनाने पर शैक्षणिक करियर बर्बाद करने की धमकी से गहरे सदमे में आई बालासोर के फकीर मोहन कॉलेज की स्नातक छात्रा ने 12 जुलाई को प्रिंसिपल के कक्ष के सामने ही पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लिया था।
पीड़िता ने कॉलेज प्रशासन और स्थानीय पुलिस को इस मामले से अवगत कराया था। उसने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर उसे मुख्यमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री और पुलिस महानिदेशक को टैग किया था, लेकिन फिर भी उसका कोई फायदा नहीं हुआ।
इस बीच घटना के बाद पूरे राज्य में इसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ और राज्य प्रशासन ने आरोपी शिक्षक और कॉलेज प्रिंसिपल को गिरफ्तार करके जन आक्रोश को नियंत्रित करने की कोशिश की। हालांकि इस घटना से प्रदेश की राजनीति और आम जनमानस में अभी भी काफी रोष है। विपक्षी दल बीजू जनता दल ने उच्च शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की है जबकि कांग्रेस ने इस बाबत राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए मामले न्यायिक जाँच की माँग की है।
ओडिशा में छात्रा के आत्मदाह प्रयास के मामले में एफएम कॉलेज के प्रिंसिपल अरेस्ट