मदन दिलावर के औचक निरीक्षण में जयपुर समग्र शिक्षा कार्यालय मिला सूना

जयपुर। राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने सोमवार को यहां शिक्षा संकुल स्थित राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर के समग्र शिक्षा कार्यालय का औचक निरीक्षण किया जहां कोई अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी जगह पर नहीं मिले।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिलावर अपराह्न दो बजे अचानक अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक सुरेश बुनकर के कार्यालय पहुंचे जहां पूरा कार्यालय परिसर सुनसान पड़ा था और कोई भी कर्मचारी अधिकारी अपनी कुर्सी पर नहीं था। बुनकर भी अपने कक्ष में नहीं मिले। इस पर बुनकर के निजी सहायक को बुलाकर अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक को बुलाने को कहा गया।

इसके बाद आनन फानन में सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को सूचना करके कार्यालय बुलाया गया। राज्य परियोजना निदेशक डा अनुपमा जोरवाल को भी तुरंत कार्यालय में आने को कहा गया। जिसके बाद सबकी उपस्थिति ली गई।

इस दौरान स्नेहलता शर्मा, अनिल त्रिवेदी, बाबूलाल शर्मा, श्याम सिंह सेन, ड्राइवर, विष्णु दत्त शर्मा, अनीता कुमारी, डॉक्टर संजय यादव, रजनी यादव, पूनम उपाध्याय, मुकेश प्रजापत, राधेश्याम प्रजापत तथा हरीश गुप्ता कार्यालय में अनुपस्थित पाए गए जिनकी रजिस्टर में अनुपस्थिति दर्ज की गई।

दिलावर ने समग्र शिक्षा में लगे हुए अधिकारी और कर्मचारियों की कार्यशैली पर गंभीर नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि अधिकारी गैर जिम्मेदाराना तरीके से काम कर रहे हैं। पत्राचारों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। विभाग में लापरवाह और गैर जिम्मेदार अधिकारियों की कोई जरूरत नहीं है। सही तरीके से जो काम नहीं कर सकते उन्हें रिलीव कर दिया जाएगा। विभाग में योग्य अधिकारियों की कोई कमी नहीं है।

उन्होंने कहा कि जो अधिकारी सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे हैं उन्हें तत्काल हटा दो और उनकी जगह नए अधिकारी लगाओ। दिलावर ने उपनिदेशक पुष्पा शेखावत, उप निदेशक डाल चंद तथा डेप्युटेशन पर लगे हुए समरवीर सिंह को तुरंत रिलीव करने के आदेश दिए।

दिलावर ने इंग्लिश रेमेडियल वर्कबुक से संबंधित दोषी अधिकारियों से वसूली नहीं किए जाने के मामले पर अधिकारियों को फटकारते हुए कहा कि आदेश के बावजूद अभी तक वसूली प्रक्रिया क्यों नहीं प्रारंभ की गई। इस मामले में तुरंत संबंधित दोषी अधिकारियों से राशि वसूली की प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण राज्य सरकार को ढाई करोड़ का नुकसान हुआ। इसलिए इस राशि की वसूली संबंधित अधिकारियों की वेतन से की जानी आवश्यक है।

उन्होंने अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय में उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया कि कार्यालय समय में यहां वहां घूमना उचित नहीं है। अपने कार्य को गंभीरता से करे। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी निर्देशों की समय रहते पालना सुनिश्चित की जाए और मंत्री कार्यालय को समय से पालना रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।