परीक्षित मिश्रा
सबगुरु न्यूज-आबूरोड/माउंट आबू। माउंट आबू में देह व्यापार को लेकर खुद भाजपा नेताओं के निशाने पर आया सिरोही जिले का पुलिस तंत्र गुरुवार की घटना के बाद वाकई पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है। पुलिस की लापरवाही और आरामतलबी से माउंट आबू-आबूरोड मार्ग पर दो दिन से हो रही लूट की लगातार वारदातों में गुरुवार को एक युवक की जान चली गई। माउण्ट आबू मार्ग पर गुरुवार दोपहर को जो हादसा हुआ वो पुलिस पर सवालिया निशान लगाती है। सिरोही पुलिस की लापरवाही की यही स्थिति रही तो इसका जिले और प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर दूरगामी परिणाम होगा। आबूरोड-माउण्ट आबू मार्ग पर गुरुवार को लूट के लिए जानलेवा हमले के बाद हुई मौत सिरोही जिले की बदहाल पुलिसिंग का सबसे बडा उदाहरण है। जिस 17 किलोमीटर लंबे मार्ग पर लगातार दूसरे दिन लूट की ये घटनाएं हुई हैं वहां का एक ही एक्सिट और एंट्री प्वाइंट है और इस सिंगल एंट्री रूट को दो पुलिस थाने संभालते हैं।
जानकारी के अनुसार आबूरोड-माउण्ट आबू मार्ग पर गुरुवार की दोपहर को करीब एक बजे मोटर साइकिल पर गुजरात के धानेरा क्षेत्र के दो युवक हितेश चौधरी और नरेश माउण्ट आबू जा रहे थे। आबू तलहटी से उपर चढने पर बाघ नाला के पास में झाडियों में छिपे तीन-चार युवकों ने लूट के इरादे से इन पर हमला कर दिया। इनमें से एक युवक हितेश के सीने पर चाकू मार दिया। इनके पास से मोबाइल छीनकर ले गए। वहां से निकल रही एक निजी गाडी ने इन्हें करीब डेढ बजे के आसपास आबूरोड उप जिला चिकित्सायल पहुंचाया। यहां पर चिकित्सकों से तुरंत उपचार शुरू किया, लेकिन गहरे घाव और ज्यादा खून बहने से घायल युवक उपचार के दौरान उबर नहीं पाया और उसकी मृत्यु हो गई।
– लगातार दो वारदातें
तलहटी-माउण्ट आबू मार्ग दो थाना क्षेत्रों में आता है। एक माउण्ट आबू और दूसरा आबूरोड सदर पुलिस। इसमें भी शनि मंदिर से सात घूम तक का मार्ग सेंसेटिव है। करीब 17 किलोमीटर मार्ग के इसी दस किलोमीटर के सेक्शन में बुधवार की दोपहर को भी एक युवक को रोककर उसके साथ मारपीट करके उसका मोबाइल लूट लिया गया था। इसके बाद भी आबूरोड सदर थाना और माउण्ट आबू पुलिस इस रूट को सेनेटाइज करवाने में नाकाम रही। उनकी लापरवाही की वजह से दूसरे दिन इसी मार्ग पर इसी क्षेत्र में फिर से वारदात हुई और एक युवक की जान चली गई।
-भय का माहौल
सिरोही पुलिस पिछले कुछ अर्से से जिस तरह से कार्य कर रही है उसका परिणाम माउण्ट आबू पुलिस सर्किल के सभी थानों पर लूट की वारदातों में इजाफा हुआ है। पिछले एक साल में आबूरोड रीको, रेवदर मार्ग और अब माउण्ट आबू मार्ग लुटेरों के लिए लूट का मुफीद इलाका बन गया है। लचर पुलिसिंग, अव्यवस्थित पेट्रोलिंग और चरमराए मुखबिर तंत्र के कारण क्षेत्र से शराब तस्करी, जुआ और देह व्यापार तो बढा ही है, अब लूट के लिए हत्याओं की घटना भी बढ़ी हैं, इस तरह की घटनाओं से लोगों में भय व्याप्त हो गया है।
– पुलिस का फेलियर फैल कर देगा अर्थव्यवस्था
सिरोही जिले की आबूरोड तहसील राजस्थान गुजरात बाॅर्डर पर पडती है। इसके माउण्ट आबू पुलिस सर्किल में पडने वाले थाना क्षेत्र औद्योगिक और पर्यटन हब के रूप विकिसित हो रहा है। इसके औद्योगिक महत्व को इसी से समझ सकते हैं कि हाल में राज्य सरकार के द्वारा आयोजित जिला स्तरीय इंवेस्टमेंट समिट आबूरोड में ही हुआ था। इसमे औद्योगिक और पर्यटन इकाईयों के लिए 12.85 अरब रुपये के 65 एमओयू हुए थे। घुमावदार सडकों पर आसानी से दौडने के कारण पिछले करीब एक दशक से दोपहिया वाहन माउण्ट आबू और आबूरोड को जोडने के लिए प्रमुख साधन बन चुका है।
पर्यटकों के अलावा माउण्ट आबू और आबूरोड के स्थानीय लोग भी आवाजाही के लिए दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। इससे भी यहां पर टूरिस्ट्स को आने जाने में आसानी हुई है। यदि इस मार्ग पर चलने वाले दोपहिया वाहन चालक और अन्य पर्यटक लुटेरों की चपेट में आ जाएंगे तो यहां पर्यटन व्यवसाय पर विपरीत असर पडने से इनकार नहीं किया जा सकता।
-दो दशकों बाद फिर से ऐसी वारदातें
2005 से पहले माउण्ट आबू-आबूरोड मार्ग पर इस तरह लूट की घटनाएं नियमित हुआ करती थी। तब इस मार्ग पर दिन ढलने के बाद यात्रा करने से लोग डरते थे। लेकिन, सरकारी योजनाओं से क्षेत्र में बढते रोजगारो के अवसर और पुलिस की सख्ती ने 2007 आते-आते इस मार्ग को लुटेरों से सेनेटाइज कर दिया था। इसके बाद विरले ही कभी ऐसा हुआ हो कि लगातार ऐसी वारदातें हुई हों। लेकिन, अब लगातार दो दिन इसी मार्ग पर दो पहिया वाहन चालकों को निशाना बनाए जाने से पुलिस फेलियर की वजह से फिर ये मार्ग भय की वजह बन चुका है।