बेंगलूरु। भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक इकाई ने 2018 के बादामी विधानसभा चुनावों के दौरान कथित वोट खरीद-फरोख्त और मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की इस चुनाव में जीत के खिलाफ गुरुवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
भाजपा की यह शिकायत पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधान परिषद सदस्य सीएम इब्राहिम के सार्वजनिक बयानों पर केंद्रित है, जो वीडियो और सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुए हैं। इब्राहीम ने अपने बयानों में दावा किया था कि उन्होंने और उनके एक सहयोगी ने बादामी निर्वाचन क्षेत्र में सिद्दारमैया की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक घर बनाकर तथा पैसे उधार लेकर 3,000 वोट खरीदे और इसके वास्ते लिया गया ऋण चुनाव के छह महीने बाद चुकाया गया था।
भाजपा ने तर्क दिया कि यदि ये दावे सही हैं, तो ये जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123(1)(बी) का उल्लंघन हैं, जो रिश्वतखोरी और वोटों में हेराफेरी से संबंधित है, और मतदाता धोखाधड़ी के समान है। भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान एक और कथित उल्लंघन की ओर भी इशारा किया, जिसमें अरासीकेरे विधायक शिवलिंगगौड़ा का एक वीडियो दिखाया गया था जिसमें कहा गया था कि हासन लोकसभा क्षेत्र में सात करोड़ रुपए वितरित किए जाने चाहिए। पार्टी ने इसे संभावित वोट-खरीद का एक और उदाहरण बताया और विधायक के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की।
शिकायत में पूर्व मंत्री डॉ. सीएन अश्वथनारायण और राज्य कानूनी प्रकोष्ठ के समन्वयक वसंत कुमार सहित भाजपा नेताओं ने कहा है कि अगर इस तरह के बयानों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो चुनावी व्यवस्था में जनता का विश्वास कम होगा और चुनाव आयोग की निष्पक्षता से समझौता होगा। उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री और इब्राहिम आयोग को सभी प्रासंगिक दस्तावेज़ और सबूत उपलब्ध कराएं। भाजपा ने कर्नाटक की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिए चुनावी कानूनों की जवाबदेही और सख्त प्रवर्तन की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है।