सीसीपीए ने भ्रामक विज्ञापन देने पर रैपिडो पर ठोंका 10 लाख रुपए जुर्माना

नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने यहां गुरुवार को रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (रैपिडो) पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए 10 लाख रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। प्राधिकरण ने यह कार्रवाई उपभोक्ता अधिकारों के संरक्षण के लिए किया है।

सीसीपीए ने इसके साथ ही ऑनलाइन कैब व बाइक राइड बुक करने वाले प्लेटफॉर्म रैपिडो को यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि 5 मिनट में ऑटो या 50 रुपए प्राप्त करें ऑफर वाली योजना में शामिल उपभोक्ताओं को वादे के मुताबिक अगर 50 रुपए मुआवजा नहीं मिला है, तो उन्हें बिना किसी देरी के पूरी राशि दी जाए।

सीसीपीए ने रैपिडो के उन भ्रामक विज्ञापनों का संज्ञान लिया जिनमें उपभोक्ताओं को 5 मिनट में ऑटो या 50 रुपए पाएं और गारंटीड ऑटो का वादा किया गया था। विस्तृत जांच के बाद, सीसीपीए ने इन विज्ञापनों को झूठा, भ्रामक और उपभोक्ताओं के प्रति अनुचित पाया। प्राधिकरण ने इन भ्रामक विज्ञापनों पर संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश दिया।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2023 और मई 2024 के बीच रैपिडो के खिलाफ 575 शिकायतें, जून 2024 और जुलाई 2025 के बीच 1,224 शिकायतें मिली थीं।

सीसीपीए की जांच में पाया गया कि रैपिडो के विज्ञापनों में नियम व शर्तें लागू वाला अस्वीकरण बेहद छोटे और अपठनीय फ़ॉन्ट में प्रदर्शित किया था। वादा किया गया था कि 50 रुपए का लाभ वास्तविक मुद्रा (रुपए में) नहीं बल्कि रैपिडो सिक्के में था और तब भी, अधिकतम लाभ 50 रुपए तक था पर यह हमेशा 50 रुपए नहीं होता था।

इन सिक्कों को केवल रैपिडो बाइक राइड के बदले ही भुनाया जा सकता था और इनकी वैधता केवल 7 दिनों की थी। इस तरह के प्रतिबंधों ने ऑफ़र के मूल्य को कम कर दिया और उपभोक्ताओं को अनुचित रूप से कम समय के भीतर रैपिडो की दूसरी सेवा का उपयोग करने के लिए प्रभावी रूप से मजबूर किया। इस तरह की चूक ने सुनिश्चित सेवा की झूठी धारणा बनाई और उपभोक्ताओं को रैपिडो चुनने के लिए गुमराह किया।

सीसीपीए ने उपभोक्ताओं से भ्रामक विज्ञापनों से सतर्क रहने का आग्रह किया है जो बड़े-बड़े वादे करते हैं। उसने कहा है कि उपभोक्ता भ्रामक विज्ञापनों या अनुचित व्यापार प्रथाओं से संबंधित शिकायतें राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) पर कॉल करके दर्ज करा सकते हैं या एनसीएच ऐप या वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं।