सबगुरु न्यूज- आबूरोड। झालावाड़ में स्कूल भवन की छत गिरने से मासूम काल का ग्रास बन गए। इसके बाद सिरोही जिले प्रशासन ने राज्य सरकार आदेशानुसार सिरोही जिले में भी स्कूलों की जर्जर भवनों का से करवाया। जो भवन जर्जर निकले उसकी मरम्मत के लिए विधायक कोष से राशि जारी हुई। लेकिन इस कोलाहल में जी के आदिवासी बच्चों भविष्य से खिलवाड़ करने वाले सिरोही के प्रशासनिक अधिकारियों के आदेशों पर किसी की नजर ही नहीं गई। जिला कलेक्टर के मातहत अधिकारी इन बच्चों को नियमित शिक्षा से वंचित रखकर इनके भविष्य से जो खिलवाड़ कर रहे हैं वो नजरअंदाज कर दिया गया। आबूरोड तहसीलदार के द्वारा आदिवासी बच्चों शिक्षकों को छीनकर किए जाने वाले इसी काम पर कांग्रेस के अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष लखमाराम गरासिया आपत्ति जताई।
लखमाराम गरासिया ने आबूरोड़ तहसीलदार को पत्र प्रेषित कर आदिवासी जनजाति क्षेत्र के विद्यालय रा उ. प्रा वि तेलपुरफली के शिक्षक को वर्षा ऋतु के मद्देनज़र सूचना आदान -प्रदान के गैर शैक्षणिक कार्य में आबूरोड के उपनियंत्रण कक्ष में लगाने पर आपत्ति जताते हुए शिक्षक को तुरंत कार्यमुक्त करने की मांग की है।
गरासिया ने अपने पत्र में बताया कि रा उ प्रा वि तेलपुर फली में पूर्व में ही शिक्षकों की कमी है l शिक्षकों के स्वीकृत 10 पदों के विरुद्ध मात्र 5 शिक्षक व संस्था प्रधान कार्यरत है। जिनमे से भी एक शिक्षक बीएलओ है। एक शिक्षक एमएलई पायलट प्रोजेक्ट में एसआरजी लगाया हुआ है l इसमें लिखा कि विद्यालय में अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थी अध्ययनरत हैँ और तहसील मुख्यालय से 18 किमी की दूरी पर स्थित है l विद्यालय के परीक्षा प्रभारी को सूचनाओ के आदान -प्रदान के लिए एक माह से उपनियंत्रण कक्ष आबूरोड़ में 18 किमी दूर स्थित विधालय से प्रति नियुक्त किया गया है। उन्होंने इसे अनिवार्य एवं निशुल्क बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षक की ड्यूटी नहीं लगाने के प्रावधानो के विपरीत बताया l उन्होंने लिखा कि इस प्रतिनियुक्ति से विद्यालय में अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य व पाँचवी बोर्ड की पूरक परीक्षाओ एवं प्रथम परख का कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रवेशोत्सव का कार्य भी बकाया है l एस टी प्रकोष्ठ, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष लखमाराम ने छात्र हित में गैर शैक्षणिक कार्य में की गई उक्त शिक्षक की प्रतिनियुक्ति को तत्काल निरस्त करने की मांग की है एवं कार्यवाही नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है l
– एक साथ इतने लंबे समय तक प्रतिनियुक्ति क्यों?
यूं तो राजस्थान हाइ कोर्ट समेत सुप्रीम कोर्ट ने भी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक गतिविधियों में लगाने से मना किया हुआ है। आबूरोड तहसीलदार के द्वारा 22 जुलाई को आदेश पारित करके वर्षा ऋतु मध्यनजर 8 शिक्षकों को तहसील नियंत्रण कक्ष में लगाया गया है। इस आदेश को एक महीना हो गया तबसे शिक्षक प्रतिनियुक्त हैं। प्रशासन चाहता तो जरूरत होने पर एक-एक सप्ताह के रोटेशन में अलग अलग स्कूलों से शिक्षकों को यहां लगा सकते था। लेकिन स्कूल के शिक्षको को इतने दिन तक प्रतिनियुक्ति लगाकर उस स्कूल में आने वाले आदिवासी बच्चों के भविष्य खिलवाड़ की प्रशानिक मंशा स्पष्ट नजर आ रही है।