जयपुर। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का 34वां स्थापना दिवस मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट परिसर स्थित सतीश चंद्र सभागार में मनाया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय संवैधानिक मूल्यों का संरक्षण रहा, जिस पर न्यायविदों एवं अधिवक्ताओं ने सारगर्भित विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि न्यायाधिपति अशोक कुमार जैन ने इस अवसर पर कहा कि संवैधानिक सिद्धांत न केवल न्यायपालिका की नींव हैं, बल्कि वे समाज में न्याय, समानता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने का आधार भी हैं। उन्होंने अधिवक्ताओं और संगठनों से संवैधानिक मान्यताओं की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया और अनुच्छेद 21 से जुड़े महत्वपूर्ण न्यायिक दृष्टांतों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए परिषद के प्रांत अध्यक्ष प्यारे लाल ने कहा कि संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता ही देश की प्रगति की नींव है। अधिवक्ताओं को जनमानस में न्यायपालिका के प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि एवं परिषद के क्षेत्रीय मंत्री कमल परसवाल ने अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा को सर्वोपरि दायित्व मानें और सामाजिक न्याय की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाएं।
कार्यक्रम में प्रांत महामंत्री अभिषेक सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंच संचालन हाईकोर्ट इकाई के महामंत्री धर्मेंद्र बराला ने किया। अतिथि परिचय स्टडी सर्किल प्रमुख नितिन जैन ने कराया। विषय परिचय गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने और संगठन परिचय संजीव सोगरवाल ने रखा।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगीत से हुई, जिसका संचालन इकाई मंत्री मीनल भार्गव और गुंजन चावला ने किया। राष्ट्रगान शुभम जैन और राजाराम चौधरी ने करवाया। मंच पर परिषद की उपाध्यक्ष सोनिया शांडिल्य भी उपस्थित रहीं। समारोह के मुख्य अतिथि का इकाई संरक्षक जगमोहन सक्सेना और नीरज भट्ट ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया। इकाई अध्यक्ष धर्मेंद्र जैन ने सभी अतिथियों एवं उपस्थित अधिवक्ता समुदाय का आभार व्यक्त किया।