एहसास फ़ाउंडेशन की ओर से ऑनलाइन मिलाद-उल-नबी क्विज़ प्रतियोगिता

श्रीनगर। ईद मिलाद-उल-नबी के मौके पर एहसास फ़ाउंडेशन की ओर से विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पैग़ंबर मुहम्मद की जीवनी और संदेश के बारे में जागरूकता फैलाना और युवाओं को शांति, करुणा और सेवा के मूल्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करना था।

प्रतियोगिता के कड़े दौर के बाद 12 छात्रों को विजेता घोषित किया गया। इनमें साहिल अहमद, नाज़िया नज़ीर, यावर बशीर, सुहाना हिलाल, मुज़ामिल अहमद शाह, इसहाक बिनी महमूदा फ़िदवी, इक़रा मजीद, इस्मायल अहमद, अज़ीम सुल्तान, अहसान जलाली, बासित फ़याज़ और नर्गिस नज़ीर शामिल हैं।

मौलाना बख़्तावर अली क़ादरी ने विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि पैग़ंबर की ज़िंदगी इंसानियत के लिए एक मुकम्मल मार्गदर्शक है। हमारे युवाओं को चाहिए कि वे उनकी दया और नेक़ी के संदेश से प्रेरणा लें और उसे अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपनाएँ। ऐसे प्रयास छात्रों में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को मज़बूत बनाने में मदद करते हैं।

मौलाना सुहैल क़ादरी ने भी अपने विचार साझा किए और मिलाद-उल-नबी को पैग़ंबर की शिक्षाओं से दोबारा जुड़ने का समय बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को ज्ञान प्राप्त करने और इस्लाम के संदेश को ईमानदारी और मोहब्बत के साथ आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

एहसास फ़ाउंडेशन के वाइस चेयरमैन बुरहान नज़ीर ने छात्रों की उत्साही भागीदारी पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह क्विज़ सिर्फ़ एक प्रतियोगिता नहीं थी बल्कि विद्यार्थियों को पैग़ंबर की ज़िंदगी से जुड़ी सार्थक शिक्षा में शामिल करने का एक माध्यम था। हम ऐसे और अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो शिक्षा, आध्यात्मिकता और सामुदायिक सेवा का संगम हों।

फ़ाउंडेशन ने इंफ़ोमा अकादमी के संस्थापक अमान शकील का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने तकनीकी सहयोग प्रदान कर इस आयोजन को सफल बनाया।कृतज्ञता के संदेश में एहसास फ़ाउंडेशन ने सभी प्रतिभागियों, शिक्षकों और विद्वानों के प्रयासों की सराहना की और भविष्य में भी शैक्षिक व आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प लिया।