सुशीला कार्की नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त

काठमांडू। नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को शुक्रवार रात देश का अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।

राष्ट्रूपति रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्रपति भवन (शीतल निवास) में आयोजित एक विशेष एवं संक्षिप्त समारोह में नेपाल के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में न्यायमूर्ति कार्की को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, सुरक्षा प्रमुख और राजनयिक समुदाय के सदस्य भी मौजूद थे।

इस नियुक्ति के साथ ही देश में सोमवार को उपजे जनाक्रोश के अब थमने की उम्मीद है। इस दौरान हुए उपद्रव, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं में 50 से अधिक लोग मारे गए थे और 350 से ज्यादा घायल हो गए थे।

न्यायमूर्ति कार्की ने देश की पहली महिला कार्यकारी प्रमुख बनकर नेपाल के इतिहास में एक बार फिर अपना नाम दर्ज करा लिया। जुलाई 2016 में, उन्होंने नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनकर इतिहास रच दिया था।

केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने वाले जेन-जेड आंदोलनकारियों ने कई दौर की चर्चा के बाद, संक्रमणकालीन सरकार का नेतृत्व करने के लिए उनके नाम पर सहमति जताई। बुधवार को उनको सोशल मीडिया डिस्कॉर्ड पर सबसे ज़्यादा वोट मिले, जिससे वह क्रांति के बाद की सरकार का नेतृत्व करने के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार बन गईं।

इसके बाद भी उनके नाम को लेकर कई समूहों को नाराजगी थी। लेकिन जब यह खबर आई कि सेना अंतरिम प्रमुख के नाम पर राजी नहीं होने से खिन्न है और उसने आपातकाल लगाने का भी सुझाव दिया है तो इससे हालात न्यायमूर्ति कार्की के पक्ष में तेजी से बदलने लगे।

उनके साथ काम करने वाले लोग कार्की को साहसी और ऊंचे दर्जे की ईमानदारी वाली महिला बताते हैं। वह अपनी सादगी भरी जीवनशैली के लिए भी जानी जाती हैं। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत मुखर रही हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उनकी पीठ ने राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में ऐतिहासिक फैसले सुनाए।

दक्षिण एशिया के देशों में महिला को देश की कमान सौपें जाने का इतिहास शानदार रहा है। भारत में इंदिरा गांधी, श्रीलंका में सिरीमावो भंडारनायके, पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो, बंगलादेश में बेगम खालिदा जिया और अब नेपाल में न्यायमूर्ति कार्की ने देश की बागडोर संभाली है।

सुशीला कार्की की पहली राजनैतिक पाठशाला काशी

नेपाल की नवनियुक्त प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने 1975 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की थी।
पड़ोसी देश अब शांति की ओर अग्रसर है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शुक्रवार रात सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलायी। श्रीमती कार्की की मुलाकात बीएचयू में पढ़ाई के दौरान ही दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई थी।

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव के अनुसार कार्की अक्सर लाइब्रेरी में घंटों पढ़ाई करती थीं। बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर दीपक मलिक ने बताया कि नेपाल में राजशाही के खिलाफ एंटी-मोनार्की मूवमेंट के दौरान दुर्गा प्रसाद सुबेदी युवाओं के प्रमुख नेता बनकर उभरे। इस आंदोलन का नेतृत्व बीपी कोइराला कर रहे थे। सुशीला कार्की भी इस आंदोलन से काफी प्रभावित थीं। उस समय बनारस नेपाली कांग्रेस नेताओं का गढ़ हुआ करता था।

प्रो. मलिक के अनुसार सुशीला कार्की की पहली राजनैतिक पाठशाला काशी को कहा जा सकता है। यहीं पढ़ाई के दौरान उन्होंने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। प्रो. मलिक ने बताया कि नवंबर 2024 में जब वह काठमांडू गए थे, तब सुशीला कार्की ने उन्हें अपने घर भोजन पर आमंत्रित किया था। वे बनारस को बहुत पसंद करती हैं और बीएचयू में पढ़ाई के दौरान की यादों को अक्सर ताजा करती हैं।