डॉ. सुशील कुमार बिस्सू, हेमंत प्रियदर्शी व डॉ. अशोक कुमार कलवार आरपीएससी सदस्य नियुक्त

अजमेर। पेपर लीक प्रकरण से उपजे हालात के बाद राज्य सरकार ने बडा फैसला लेते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में तीन नए सदस्य नियुक्ति किए गए हैं। पूर्व आईपीएस हेमंत प्रियदर्शी, डॉ. सुशील कुमार बिस्सू और डॉ. अशोक कुमार कलवार को मेंबर बनाया गया है। बता दें कि आयोग में 6 सदस्यों के पद खाली चल रहे थे।तीन नए सदस्यों की नियुक्त के बाद कुल 10 पदों में से 7 सदस्यों के पद भर गए हैं तथा तीन पद अब भी खाली चल रहे हैं।

कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार राज्यपाल की मंजूरी के बाद सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी हेमंत प्रियदर्शी, कैंसर स्पेशलिस्ट डॉ. अशोक कुमार कलवार और गणित के प्रोफेसर डॉ. सुशील कुमार बिस्सू को सदस्य बनाया गया है।

नवनियुक्त सदस्य हेमंत प्रियदर्शी साल 1992 बैच के आईपीएस हैं, एम टैक मैकेनिकल और डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज में एमफिल, डीजी पुलिस, साइबर क्राइम, एसीबी फॉरेंसिक साइंस लैब के डायरेक्टर रह चुके हैं। उन्होंने आईटीबीपी और सीआरपीफ में भी अहम जिम्मेदारियां निभाई हैं।

डॉ. अशोक कुमार कलवार हेमेटो-ऑन्कोलॉजी में सीनियर कंसल्टेंट होने के साथ देश के कई बड़े अस्पतालों में सेवाएं दे चुके हैं।कलवार के 30 से ज्यादा इंटरनेशनल और 70 से अधिक नेशनल रिसर्च पेपर पब्लिश हो चुके हैं। डॉ. अशोक मूल रूप से जोधपुर के रहने वाले हैं।

अजमेर निवासी डॉ. सुशील कुमार बिस्सू एमएससी, पीएचडी इन मैथमैटिक्स होने के साथ 33 साल का शिक्षण अनुभव संजोए हैं। इनके 35 रिसर्च पेपर पब्लिश हो चुके हैं। बिस्सू कई विश्वविद्यालयों की अकैडमिक कमेटियों और बोर्ड में सदस्य भी रह चुके हैं।

सरल व्यक्त्वि के धनी हैं सुशील कुमार बिस्सू

सुशील कुमार बिस्सू साधारण किसान परिवार से संबंध रखते हैं। प्रोफेसर होने के नाते शिक्षा जगत से उनका नाता रहा है। अजमेर के पंचशील नगर निवासी सुशील कुमार बिस्सू का जन्म 5 मार्च 1965 को हरियाणा के गोदी का गांव में हुआ। शुरुआती शिक्षा अहमदपुर डारे वाला और पक्का सारण, हनुमानगढ़ के सरकारी विद्यालय में पूरी की। इसके बाद गंगानगर दव स्कूल से 11वीं की शिक्षा ली और उच्च शिक्षा के लिए खालसा कॉलेज गंगानगर का रुख किया। यहां से उन्होंने बीएससी और एमएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद उदयपुर की सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी कर उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में नई ऊंचाइयां पाई।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पृष्टभूमि वाले बिस्सू का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से गहरा जुडाव रहा। उन्होंने 1992 में नोहर में व्याख्याता के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। शिक्षा क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए वे प्रशासनिक जिम्मेदारियों तक भी पहुंचे और सहायक निदेशक अजमेर संभाग बने। 31 मार्च 2025 को वे सहायक निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्तमान में पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों ने उन्हें नई पहचान प्रदान की।