दिल्ली में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का अखिल भारतीय मुस्लिम महासम्मेलन

नई दिल्ली। दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) का अखिल भारतीय मुस्लिम महासम्मेलन का कार्यक्रम हुआ।

आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और एमआरएम के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार सहित भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी,ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी, अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने दीप जलाकार कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए, पूरे भारत के लिए हम एक हैं का संदेश दिया। इस दौरान कार्यक्रम में हजारो की संख्या में लोग हिस्सा लिए। हजारों की संख्या में आए कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने।

महासम्मेलन में यह संकल्प लिया गया कि आने वाले वर्षों में शिक्षा, रोजगार, महिला सशक्तिकरण, नशामुक्ति और राष्ट्रीय एकता के लिए और भी संगठित और आक्रामक अभियान चलाए जाएंगे। मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने अपने संबोधन में आतंकवाद और नशाखोरी के खिलाफ खुला युद्ध छेड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद किसी धर्म का नहीं बल्कि शैतानियत का नाम है। हम हिन्दुस्तानी थे, हैं और रहेंगे। हमारी पहचान कोई छीन नहीं सकता।

इंद्रेश कुमार ने साफ कहा कि घुसपैठिए नौकरी पाएंगे तो यहां का मुसलमान कैसे रोजगार हासिल कर पाएगा? उनकी बातों ने पूरे स्टेडियम में मौजूद लोगों को एक साथ खड़ा कर दिया और तालियों की गूंज ने इस चेतावनी को एक जनआंदोलन का स्वरूप दे दिया।

कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ सांसद और वक्फ पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने हमेशा राष्ट्र-विरोधी ताकतों का जवाब दिया है और देश को जोड़ने का काम किया है। उन्होंने वक्फ सुधारों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार वक्फ की एक-एक इंच जमीन का डिजिटलीकरण कर रही है ताकि यह मुसलमानों की तरक्की में लगे।

उनका यह आश्वासन कि संसद और सरकार वक्फ सुधारों को पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, मुस्लिम समाज के लिए नई उम्मीद लेकर आया। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम मौलाना उमेर इलियासी ने कहा यह संदेश केवल भाईचारे का आह्वान नहीं था बल्कि भारत की साझा संस्कृति का स्मरण भी था।

इसके साथ ही अजमेर शरीफ दरगाह के चेयरमैन ख्वाजा नसरुद्दीन चिश्ती ने अपने भाषण में कहा कि भारत दुनिया का सबसे न्यायप्रिय देश है, जहां हर नागरिक को बराबरी का अधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रयास समाज में भरोसा और सद्भाव बढ़ाने का काम कर रहे हैं।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अब केवल सुधार की बात नहीं करता बल्कि जमीनी बदलाव के लिए ठोस योजनाओं और कार्यनीतियों के साथ काम कर रहा है। तालकटोरा स्टेडियम की यह गूंज आने वाले वर्षों में भारत के कोने-कोने तक पहुंचेगी।

कार्यक्रम में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार सहित वक्फ पर बनी जेपीसी के चेयरमैन व वरिष्ठ सांसद जगदंबिका पाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जाटिया, अजमेर शरीफ दरगाह के चेयरमैन ख्वाजा नसरुद्दीन, ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम मौलाना उमेर इलियासी, एनसीएमईआई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शाहिद अख्तर, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी, निजामुद्दीन दरगाह के चेयरमैन सलमी निजामी समेत देशभर के अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए।

महासम्मेलन में मंच के सभी राष्ट्रीय संयोजक, प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय संयोजक, सभी प्रांतों के संयोजक सह संयोजक और महत्वपूर्ण पदाधिकारी मौजूद थे। मौजूद लोगों में अलग अलग वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और हज कमेटी से जुड़े लोग भी थे। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने अपने 25 वर्षों के इतिहास में तीन तलाक समाप्ति, राम मंदिर निर्माण, अनुच्छेद 370-35A हटाने, पीएफआई पर प्रतिबंध, वक्फ संशोधन कानून, तिरंगा यात्राएं और आतंकवाद विरोधी अभियान जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर निर्णायक भूमिका निभाई है।