सबगुरु न्यूज- आबूरोड। आबूरोड नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी जिले अब तक का सबसे महंगा दशहरा मनवा रहे हैं। इसमें करीब 70 लाख रुपए खर्च होंगे। इस खर्चे को कानूनी जमा पहनाने के लिए कुछ टेंडर भी निकलने थे जो निकाले और उस टेंडर एक जादुई आंकड़ा नजर आया। वो आंकड़ा था 9.90 लाख। यानि कि नौ लाख नब्बे हजार का। छह अलग अलग कामों के इतनी राशि के अलग अलग टेंडर जारी किए गए हैं।
9,9 और शून्य का जोड़ 18 होता है। 18 के 1 और 8 का जोड़ 9 होता है। बोर्ड भाजपा का है तो ये कहा जा सकता है कि नवरात्रि में ये नंबर नौ देवियों से जुड़ा हुआ । लेकिन, टेंडरों में इस नंबर की पुनरावृत्ति न्यूमरोलॉजी अनुसार किसी लक या नसीब से जुड़ा है और इसमें कोई ट्रिक या छल से जुड़ा हुआ है। राजस्थान प्रोक्योरमेंट एक्ट के कायदे देखेंगे तो इस 9.90 लाख के आंकड़े की हकीकत समझ जाएंगे।
– इस आंकडे की आड में ये खेल
राजस्थान के सरकारी विभागों में खरीद फरोख्त और ठेकों के लिए राजस्थान सरकार के वित्त विभाग ने ′दी राजस्थान ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट रूल 2013’ बनाया हुआ है। नगर पालिका आबूरोड के टेडरों में भी इसी का हवाला देते हुए ठेका पद्धति करने की बात रहती है। लेकिन, इन्हीं टेंडरों में इस एक्ट के प्रावधानों की लंका लगा दी जाती है। दशहरे के आयोजन के लिए किए गए करीब सत्तर लाख के टेंडरों में भी यहीं किया गया। इसके नियम संख्या पांच में ई-प्रौक्योरमेंट के बारे में दिया है। यानि कि कोई भी सरकारी विभाग यदि कोई टेंडर खोलेगा तो उसे इसे कब आॅनलाइन टेंडर जारी करना है और कम आॅफलाइन कर सकता है।
इसी नियम में 31 अगस्त 2016 के नोटिफिकेशन के हवाले से एक संशोधन किया गया। इसके अनुसार किसी वस्तु और सेवा की खरीद के मामले में टेंडर दस लाख से उपर का हो या फिर किसी काम के मामले में काम की राशि पांच लाख रुपये से ज्यादा हो तो इस स्थिति टेंडर को आॅनलाइन करना पडेगा। नगर पालिका आबूरोड के दशहरे के लेजर शो, रामायण, बाॅलीवुड नाइट आबू के छह टेंडर वस्तु और सेवा की खरीद के हैं। इन सबको एकसाथ जारी करते तो वस्तु और सेवा के संबंधित नियम के अनुसार इसकी कुल राशि 59 लाख 40 हजार होती।
जोकि प्रोक्योरमेंट रूल के नियम संख्या पांच के अनुसार दस लाख रुपये से ज्यादा है। ऐसे में इसकी निविदा आॅनलाइन आवेदित करनी पडती। इसी तरह रावण के पुतलों आदि के दूसरे टेंडर तीन-तीन लाख के टुकडों में निकले हैं। इन्हें एकसाथ जारी करते तो इसकी लागत नौ लाख रुपये आती। प्रोक्योरमेंट रूल के अनुसार ये कामों की श्रेणी में आते हैं तो पांच लाख रुपये से उपर की राशि का होते ही इसे भी ऑनलाइन टेंडरिंग करनी पडती। इन सभी टेंडरों को ऑनलाइन जारी नहीे करके ऑफलाइन करने के लिए नगर पालिका आबूरोड के अधिकारियों ने इसे 9 लाख 90 हजार और तीन लाख रुपये के टुकडों में जारी किया। जबकि ये नियमविरूद्ध और अनियमितता की श्रेणी में आता है।
– ऑफलाइन टेंडर का फायदा
टेंडर को ऑन लाइन करने और ऑफलाइन करने के नगर निकाय के अधिकारियों के अपने फायदे हैं। ऑनलाइन टेंडर जारी करने पर ये टेंडर भारत में किसी भी जगह के लोग डाउनलोड करके इसे भर सकते हैं। ऐसे में इसमें ट्रांसपेरेंसी रहती है और प्रतिस्पर्धी दरें आने से सरकार को वित्तीय फायदा होता है। जबकि ऑफलाइन टेंडर जारी करने से इसकी काॅपी देने में अपना नियंत्रण रखा जा सकता है।
ऐसे में अपने करीबी ठेकेदारों को छोडकर शेष किसी भी ठेकेदार को काॅपी नहीं देने की शिकायतें आती रहती हैं। यदि किसी दबाव में काॅपी देनी भी पडती हैं तो करीबी ठेकेदारों के साथ शेष ठेकेदारों का संमझौता करवाकर उनको करीबी ठेकेदार से ज्यादा दरें डालने का मनाकर या फिर कोई कमी रखने का कहकर सेटलमेंट करवाने किस शिकायतें सिरोही जिले के सरकारी विभागों में आती रही हैं। जिससे कोई भी वस्तु और सेवा बाजार दर से भी ज्यादा दर में ठेके पर देकर सरकार को चूना लगाया जा सके।
– दूसरा फायदा ये
नगर पालिका के द्वारा ठेके को टुकडे करके प्रोक्योरमेंट रूल की सीमा से नीचे रखने का दूसरा फायदा है इन ठेकों की निविदा को अखबारों में प्रकाशित करने के नियमों से बचना। प्रोक्योरमेंट रूल के अध्याय पांच के नियम 43 के तहत यदि कोई ठेका दस लाख तक का है तो उसकी प्रतिलिपि कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर और किसी भी स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित करना होता है। यदि ठेका दस लाख रुपये से ज्यादा का होता है तो उसे कार्यालय के नोटिस बोर्ड और स्थानीय दैनिक के अलावा उस समाचार पत्र में भी प्रकशित करवाना होता है जिसकी प्रतिलिपियां कम से कम पचास हजार हों।
दस लाख रुपये से कम का ठेका रखकर किसी भी शहर के स्थानीय गुमनाम समाचार पत्र में इसका प्रकाशन करवाकर इसे छिपाने का प्रयास किया जा सकता है। ताकि इसे अपनी ही लाॅबी के ठेकेदार को दिया जा सके। जबकि स्थानीय समाचार पत्र का तात्पर्य उस स्थान से है जहां पर ठेका देने वाला कार्यालय हो।
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https://www.sabguru.com/aburoad-municipality-will-spend-70-lakh-on-dussehra-occasion