नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर संघ की प्रशंसा की और कहा कि समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में असंख्य स्वयंसेवकों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया।
मोदी ने आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरा होने पर सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि आज से 100 साल पहले विजयादशमी के दिन ही समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई थी। लंबे कालखंड के दौरान असंख्य स्वयंसेवकों ने इस संकल्प को साकार करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इसे लेकर मैंने अपने विचारों को शब्दों में ढालने का प्रयास किया है…।
इसके साथ ही उन्होंने सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत द्वारा विजयादशमी के मौके पर नागपुर में आयोजित समारोह में दिए संबोधन की भी सराहना की। उन्होंने डॉ. भागवत के संबोधन का उल्लेख करते हुए राष्ट्र निर्माण में संघ की महत्वपूर्ण भूमिका और भारत के सभ्यतागत मूल्यों के पोषण के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर आरएसएस के पोस्ट का उत्तर देते हुए लिखा कि सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का राष्ट्र निर्माण में आरएसएस के समृद्ध योगदान और गौरव की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने की हमारी भूमि में अंतर्निहित क्षमता, जो हमारी संपूर्ण मानवता के लिए लाभकारी है, पर बल देते हुए प्रेरणादायक संबोधन दिया। उन्होंने अपने प्रेरक उद्बोधन में राष्ट्र निर्माण में संघ के अतुलनीय योगदान पर प्रकाश डाला है। उन्होंने भारतवर्ष के उस सामर्थ्य को भी रेखांकित किया है, जो देश को सशक्त बनाने के साथ-साथ संपूर्ण मानवता के लिए भी कल्याणकारी है।