मुंबई। हिंदी और मराठी सिनेमा की वरिष्ठ अभिनेत्री संध्या शांताराम (94) का शनिवार को यहां निधन हो गया। वह महान अभिनेता और फिल्म निर्माता वी. शांताराम की पत्नी थीं।
संध्या को झनक झनक पायल बाजे (1955), दो आंखें बारह हाथ (1958), नवरंग (1959), पिंजरा (1972) और अमर भूपाली (1952) जैसी महान सामाजिक फिल्मों में उनके अभिनय के लिए याद किया जाता है। सन 1950 और 60 के दशक में, उनके उल्लेखनीय नृत्य और अभिनय कौशल ने भारतीय सिनेमा में एक खास छाप छोड़ी। उन्होंने पति वी. शांताराम के निर्देशन में कई फिल्मों में काम किया।
सिनेमा के पर्दे पर उन पर फिल्माए गए गीत ऐ मालिक तेरे बंदे हम, जा रे हट नटखट, आधा है चंद्रमा रात आधी, पंख होते तो उड़ आती रे, ने आज तक संगीत प्रेमियों के दिल पर अपनी छाप छोड़ रखी है। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने उनके भारतीय सिनेमा पर अमिट प्रभाव को याद करते हुए, अभिनेत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि दिग्गज अभिनेत्री संध्या शांताराम जी के निधन से दुखी हूं। पिंजरा, दो आंखें बारह हाथ, नवरंग और झनक झनक पायल बाजे जैसी फिल्मों में उनकी प्रतिष्ठित भूमिकाएं हमेशा याद रखी जाएंगी। उनकी उल्लेखनीय प्रतिभा और मंत्रमुग्ध कर देने वाले नृत्य कौशल ने सिनेमा जगत पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने भी दिवंगत अभिनेत्री के प्रति अपना शोक व्यक्त करते हुए एक्स पर कहा कि भावुक श्रद्धांजलि! फिल्म पिंजरा की प्रसिद्ध अभिनेत्री संध्या शांताराम जी के निधन की खबर बेहद दुखद है।
गौरतलब है कि फिल्म पिंजरा में संध्या शांताराम की भूमिका मराठी सिनेमा का मील का पत्थर है। इससे उन्हें व्यापक प्रशंसा और पहचान मिली। वी शांताराम का 1991 में निधन हो गया था और संध्या उनकी तीसरी पत्नी थीं। इस दंपती के कोई संतान नहीं थी।