हज़रत शेख अब्दुल क़ादिर जीलानी (रह) का पवित्र उर्स
श्रीनगर। विश्वभर में गौस-उल-आज़म दास्तगीर साहब (रह) के नाम से प्रसिद्ध हज़रत शेख अब्दुल क़ादिर जीलानी (रह) के पावन और रूहानी उर्स के अवसर पर एहसास फाउंडेशन ने श्रीनगर के खनयार स्थित दर्गाह दास्तगीर साहब (रह) में मुफ्त टी स्टॉल का आयोजन किया।
इस पहल का उद्देश्य उन हज़ारों श्रद्धालुओं की सेवा करना था जो इस मुबारक मौके पर दरगाह पर हाज़िरी देने और बरकतें हासिल करने पहुंचे थे। पूरे दिन और रात भर एहसास फाउंडेशन के स्वयंसेवकों ने कश्मीर के विभिन्न इलाक़ों से आए जायरीन को मुफ्त चाय, पानी और अन्य पेय पदार्थ वितरित किए।
फाउंडेशन के चेयरमैन ज़हूर अहमद मलिक ने इस अवसर पर कहा कि हज़रत शेख अब्दुल क़ादिर जीलानी (रह) का उर्स आत्मिक चिंतन, भक्ति और सेवा का समय है। यह हमें उस महान सूफ़ी संत की शिक्षाओं करुणा, उदारता और एकता की याद दिलाता है। श्रद्धालुओं की सेवा के माध्यम से हमें जो आत्मिक संतोष और खुशी मिलती है, वह बेमिसाल है।
उन्होंने आगे कहा कि एहसास फाउंडेशन हमेशा से समाज सेवा और जनकल्याण के कार्यों में अग्रणी रही है, जैसे कि मुफ्त चिकित्सा शिविर, जागरूकता अभियान, रक्तदान कार्यक्रम और राहत कार्य। हमारा उद्देश्य निःस्वार्थ भाव से, बिना किसी भेदभाव या अपेक्षा के, मानवता की सेवा करना है। दरगाह में यह छोटा सा सेवा कार्य हमारे उसी मिशन का हिस्सा है जो दया, प्रेम और इंसानियत को फैलाने का प्रयास करता है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय स्वयंसेवकों, सदस्यों और शुभचिंतकों ने भाग लिया जिन्होंने दिन-रात मेहनत कर यह सुनिश्चित किया कि हर श्रद्धालु का स्वागत सम्मान और गर्मजोशी से किया जाए।
श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों ने एहसास फाउंडेशन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम कश्मीर की असली मेहमाननवाज़ी और भाईचारे की भावना को दर्शाता है। चाय की ख़ुशबू, स्वयंसेवकों की मुस्कानें और दुआओं की गूंज ने खनयार की फिज़ा को रूहानियत से भर दिया।
जैसे-जैसे रात ढलती गई, दरगाह दास्तगीर साहब (रह) श्रद्धा और आस्था की रौशनी से जगमगा उठी और एहसास फाउंडेशन का चाय स्टॉल देर रात तक श्रद्धालुओं की सेवा करता रहा, जो प्रेम, सेवा और सूफ़ी संतों के अनंत मानवीय संदेश का प्रतीक बन गया।