अजमेर कांग्रेस शहर अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से बनने का संकेत दे गए राजेन्द्र सेन

अजमेर। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक एवं ओबीसी स्टेट एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य राजेन्द्र सेन ने संकेत दिया है कि अजमेर कांग्रेस जिलाध्यक्ष चयन ओबीसी वर्ग से होगा।

बुधवार को एक होटल में प्रेस वार्ता के दौरान सेन ने कहा कि संगठन सृजन अभियान के तहत राजस्थान में जिलाध्यक्षों का पैनल तैयार करने के लिए सभी जिलों में एआईसीसी ने वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक के रूप में भेजा है। ये प्रभारी अपने क्षेत्र में जिलाध्यक्ष के चयन के लिए कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं, अग्रिम संगठनों, विभागों एवं प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर छह नामों को पैनल तैयार कर शीर्ष नेतृत्व को सौंपेंगे।

संगठन सृजन अभियान के अजमेर जिला प्रभारी अशोक तंवर से इस बारे में सर्किट हाउस में शिष्टाचार मुलाकात के दौरान उन्होंने भी अपनी राय रखी साथ ही आंकडों और तथ्यों के अनुरूप इस बार ओबीसी वर्ग को प्रतिनिधित्व करने का मौका देने की पुरजोर मांग उठाई। सेन ने कहा कि अजमेर समेत कई ऐसे जिले हैं जिनमें ओबीसी वर्ग को तुलनात्मक रूप से नेतृत्व करने का अवसर नहीं मिल पाया है। अजमेर शहर की सभी विधान सभाओं में लगभग करीब 55 प्रतिशत मतदाता पिछडे वर्ग से हैं।

इस बार ओबीसी वर्ग से अजमेर शहर अध्यक्ष बनना चाहिए ताकि कांग्रेस के वोट बैंक में इजाफा हो सकें साथ ही विधानसभा और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी प्रत्याक्षी की जीत सुनिश्चित की जा सके।

एक सवाल के जवाब में सेन ने दो टूक कहा कि किसी बडे नेता, एमपी या विधायक के कहने से जिलाध्यक्ष का नाम फाइनल नहीं होगा। पर्यवेक्षक तय गाइडलाइन के अनुसार रायशुमारी के जरिए छह नामों का पैनल तैयार करेंगे तथा अंतिम निर्णय शीर्ष नेतृत्व करेगा। पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलकर पर्यवेक्षक ही नाम तय करेंगे।

उन्होंने कहा कि राजनीति में स्वाभाविक रूप से अपने वरिष्ठ नेताओं के प्रति श्रद्धाभाव रहता है, कई बार तो लोग इसे पिछलग्गू जैसे भी कह देते हैं। राहुल गांधी ने इस परंपरा में बदलाव कर साफ कर दिया है कि कांग्रेस संगठन ही सर्वोपरि है। यानी किसी प्रभावशाली नेता के कहने मात्र से जिलाध्यक्ष तय नहीं होगा ना ही यह पार्टी लाइन ​है। किसी एमएएलए या एमपी के कहने से जिलाध्यक्ष नहीं बनेगा, जनता के बीच रहने वाले कार्यकर्ता की राय को हल्के में नहीं लिया जाएगा।

एक अन्य सवाल के जवाब में सेन ने कहा सचिन पायलट ही नहीं बल्कि अन्य वरिष्ठ नेताओं की राय भी ली जा रही है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि कार्यकर्ताओं की राय को तवज्जों नहीं मिल रही। उन्होंने खासकर अजमेर शहर के बारे में जोर देते हुए कहा कि जब से अजमेर में कांग्रेस अस्तित्व में आई है तब से एक बार भी ओबीसी वर्ग को नेतृत्व का अवसर नहीं दिया गया। यहां माली, सेन, तेली समाज समेत अनेक पिछडे वर्ग के मतदाता बहुतायत में हैंं। इस वर्ग को अवसर प्रदान करना और कांग्रेस की मुख्यधारा से जोडे रखना भी पार्टी की मजबूती के लिए जरूरी है।

प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस के ओबीसी प्रकोष्ठ के पूर्व शहर जिलाध्यक्ष महेश चौहान, ओबीसी प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव मामराज सेन, हेमराज सिसोदिया, चेतन सैनी, विजय गहलोत, शीशराम यादव, ब​बिता टांक समेत कांग्रेस के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।