सिरोही में कांग्रेस को मिलेगा सक्रिय जिलाध्यक्ष या पपेट से चलाएंगे संगठन

सिरोही में संगठन सृजन अभियान कार्यकर्ता सम्मेलन में मौजूद कांग्रेस नेता।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। कांग्रेस का संगठन सृजन कार्यक्रम शुरू हो गया। एआईसीसी के निर्देश पर जालोर और सिरोही जिले के लिए इस कार्य के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक शनिवार को सिरोही पहुंचे। यहां मीटिंग हुई। पत्रकार वार्ता हुई। जिलाध्यक्ष के लिए दावेदारों के आवेदन लिए। इसके बाद फेस टू फेस आवेदन लिए। इस दौरान पर्यवेक्षक ने वही रटा-रटाया जुमला दोहराया जो कांग्रेस और भाजपा हमेशा दोहराती है। वो ये कि किसी की सिफारिश नहीं चलेगी। अंतिम कार्यकर्ता की रायशुमारी से जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर आवेदन और रायशुमारी हो चुकी है। ब्लाॅक स्तर पर जारी है। रेवदर, आबूरोड और माउण्ट आबू ब्लाॅकों की बैठकें गुरुवार को हो गई तथा पिण्डवाडा, सिरोही और शिवगंज ब्लाॅक की बैठकें शुक्रवार को प्रस्तावित हैं। लेकिन, सवाल ये कि कांग्रेस वाकई ऐसा कर पाएगी या फिर जिले में सक्रिय गुटों के नेताओं के रबर स्टाम्प नेेता को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपेगी।

– इतने आवेदन आए कि रह गए हक्के-बक्के

कांग्रेस की संगठन संचालन में बेतरतीबी पर्यवेक्षक के सामने भी नजर आई। जिस तरह से भाजपा ने हर पद के लिए उम्र निर्धारित कर दी थी वैसा कुछ यहां नहीं हुआ। आवेदन पत्र व्हाटस एप लिंक से डाउनलोड करने थे तो इतने लोगों ने आवेदन किए कि कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी हक्के-बक्के रह गए। सूत्रों के अनुसार इस दौड में जो पुराने और अनुभवी कांग्रेसजनों के नाम आ रहे हैं उनमें महिलाओं में संध्या चैधरी, गंगाबेन गरासिया, हेमलता शर्मा शामिल हैं। इनके अलावा अनाराम बोराणा, इंदरसिंह देवडा, राकेश रावल, लालाराम गरासिया, लीलाराम गरासिया, निम्बाराम गरासिया, राजेन्द्र सांखला, भवानीसिंह भटाणा, हरीश परिहार, प्रकाश मीणा, कुशालसिंह देवडा, राजेन्द्र जाखोडा, हरीश राठौड, गुमानसिंह, सुरेशसिंह राव, दशरथ नरूका, कृष्णवीरसिंह रोहुआ, निकेश रावल, आनन्द जोशी, अचलसिंह बालिया, हबीब शेख, वजींगाराम घांची, हनुमंतसिंह मेडतिया, मनोज पुरोहित, महावीरसिंह जाखोडा, पूर्व प्रधान अचलाराम माली, नरगिस कायमखानी, वेलाराम मेघवाल, प्रवीण रावल, जीवाराम आर्य के आवेदन जिला बैठक में आने की जानकारी सामने आई है। अपुष्ट जानकारी के अनुसार हर्षुल अग्रवाल, नरगिस, हमीद कुरैशी, हरीश चैधरी के भी इस रेस में शामिल होने की चर्चा है।

-यूं चला दो साल संगठन

विधानसभा चुनावों के दौरान सिरोही में बनाए गए जिलाध्यक्ष आनन्द जोशी भी इस फिर से जिलाध्यक्ष की दौड में शामिल हैं। लेकिन, इनके कार्यकाल के दौरान संगठन कैसे चला इसकी बानगी कुछ कार्यक्रमों में देखी जा सकती है। करीब डेढ साल पहले जयपुर में कांग्रेस के बूथ स्तरीय कार्यक्रम में समुचित बूथ अध्यक्षों को नहीं ले जा और सूचना नहीं पहुंच पाने का आरोप इन पर लगा। इतनी दबंगई नहीं दिखा पाए कि संयम लोढा और नीरज डांगी के प्रभाव से मुक्त होकर कार्यकारिणी की घोषणा हो पाए। डेढ साल जिला संगठन की कार्यकारिणी प्रदेश संगठन ने घोषित नहीं की। जो हुई वो भी ऐसी की भाजपा के मजबूत संगठन के आगे बौना साबित हुआ।

राहुल गांधी के सबसे महत्वाकांक्षी अभियान वोट चोर गद्दी छोड अभियान के प्रति इनकी गंभीरता 14 अगस्त को जिला मुख्यालय पर आयोजित मशाल जुलूस में नजर आई। इन्होंने कार्यक्रम स्थल की घोषणा कर दी। लेकिन, निर्धारित कार्यक्रम के लिए कार्यक्रम स्थल की अनुमति ही नहीं ले पाए। इनके खुदके इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचने के कारण पदाधिकारी और कार्यकर्ता अनुमति के अभाव में इधर-उधर भटकते रहे। राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण फ्रंट मीडिया मैनेजमेंट चरमराया रहा। जिस बैठक में संयम लोढा होते थे उसके समाचार और सूचना उनका मीडिया मैनेजमेंट संभालने वाले पदाधिकारी दे देते थे। लेकिन, जिस कार्यक्रम में संयम लोढा नहीं होते थे उसकी सूचना मिलती ही नहीं थी। इन्हें मीडिया समूहों और पत्रकार संगठन के बीच का अंतर तक नहीं मालूम। इसकी जिला मीडिया के प्रति अनभिज्ञता तो संगठन सृजन कार्यक्रम की जिला स्तर की पत्रकार वार्ता में ही सामने आ गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें प्रभारी ने सबका परिचय करवाने को कहा तो जिलाध्यक्ष कुछ को छोडकर शेष मीडियाकर्मियों के नाम तक नहंी बता पाए। राष्ट्रीय संगठन की जिलाध्यक्षों के साथ जयपुर में आयोजित बैठक में स्थानीय स्तर के मुद्दों पर मुखर होने के मामले में भी पिछले दो साल मे ंकांग्रेस अपने ब्लाॅक व नगर मंडल स्तरों पर फिसड्डी साबित हुआ।