मुंबई। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सत्तारूढ़ महायुति के भीतर, खासकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच, तनाव पैदा हो गया है।
शिंदे गुट की हाल ही में हुई एक आंतरिक समीक्षा बैठक में कई जिला प्रमुखों और पदाधिकारियों ने सीट बंटवारे को लेकर भाजपा के रवैये और प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में उसके बढ़ते प्रभाव पर निराशा व्यक्त की।
विशेषज्ञों का मानना है कि मुंबई में कोई भी पार्टी केवल अपने बल पर सत्ता हासिल करने में सक्षम नहीं है, ऐसी स्थिति में गठबंधन सहयोगियों के बीच एकता का होना आवश्यक है, हालांकि ठाणे से लेकर नंदुरबार तक तनाव के बढ़ने के ही संकेत मिल रहे हैं।
ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और वसई-विरार जैसे क्षेत्रों में भाजपा और शिंदे गुट के नेताओं के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कथित तौर पर टकराव हो रहा है। शिंदे गुट के नेताओं ने भाजपा पर अपनी सीमाओं का अतिक्रमण करने और उनके पारंपरिक गढ़ों पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया है।
भाजपा के स्थानीय नेताओं ने पुणे और पिंपरी-चिंचवाड़ में अकेले चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(अजित पवार गुट) भी अपना विस्तार करने में लगी हुई है।
नासिक, नागपुर, अमरावती और छत्रपति संभाजीनगर से भी इसी तरह के असंतोष की खबरें आई हैं। यहां शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं का आरोप है कि भाजपा प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को लुभाकर पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रही है और इस तरह गठबंधन को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है।