अजमेर। गौ माता भारतीय सनातन संस्कृति का आधार है। गोपाष्टमी के पावन पर्व पर विश्व हिंदू परिषद विधि प्रकोष्ठ की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र प्रेषित कर नगर निगम व नगर पालिकाओं द्वारा संचालित कांजी हाऊस का नाम बदलकर गौ सेवा सदन करने की मांग की गई है।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्त पदाधिकारी एडवोकेट शशि प्रकाश इन्दोरिया जानकारी देते हुए कहा कि कांजी हाऊस नाम सनातन संस्कृति और गौ माता से कोई भी मेल नहीं खाता है। सभी जिलों व कस्बों में संचालित कांजी हाऊस का नाम बदलकर गौ सेवा सदन अथवा कृष्ण सेवा धाम रखा जाए।
पत्र में सुझाव दिया गया है कि संपूर्ण राजस्थान में विक्रय किए जाने वाले स्टाम्प पेपर पर लिए जाने वाले 30 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क में से 10 प्रतिशत राशि गौ सुरक्षा व गौ संवर्धन तथा गो सेवा के लिए नागरिकों से लिए जाने वाले चार्ज की बहुत बड़ी मात्रा में राशि राज्य कोष में एकत्रित हो चुकी है।
उक्त राशि से प्रत्येक जिला स्तर पर गौ अभयारण्य की रचना करते हुए गौ अभ्यारण बनाए जाएं। इनमें गौ माता, भूखे प्यासे गोवंश को सुरक्षित रखा जा सके। गौ पालकों से भी कहा जाए कि यदि गोपालन करना है तो उनके लिए उचित स्थान की व्यवस्था रखें, सड़कों पर गो माता को नहीं छोड़े।
इस अवसर पर विधि प्रकोष्ठ के शशि प्रकाश इंदौरिया, शिव धाबाई, लोकेश भिंडा, जितेंद्र सिंह रूडल, अजीत प्रताप सिंह, संजय गुर्जर, शक्ति जैन, दिलीप बीरा, जितेन्द्र गोड सहित अनेक अधिवक्ता सम्मिलित रहे।



