बिहार चुनाव : दल बदलने वाले 5 विधायकों को नहीं मिला चुनाव लड़ने का मौका

पटना। वर्ष 2020 के चुनाव में जीत के बाद दूसरे दल में शामिल होने वालों में पांच विधायकों को इस बार चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जीत के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चार, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के तीन, बहुजन समाज पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी के एक-एक विधायक अन्य दलों में शामिल हो गए थे। इनमें अलीनगर, गौड़ाबौराम, साहेबगंज, मटिहानी, चैनपुर, बहादुरगंज, कोचाधामन, जोकीहाट और बायसी के विधायकों ने अपनी-अपनी पाटियों से नाता तोड़ दूसरी पार्टियों से नाता जोड़ लिया था। इनमें से पांच सीटों अलीनगर, गौड़ाबौराम,बहादुरगंज, कोचाधामन ,और बायसी के विधायकों को इस बार चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला है।

वर्ष 2020 के चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल थी। इस चुनाव में वीआईपी के चार उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। बोचहा (सुरक्षित) से मुसाफिर पासवान, अलीनगर से मिश्री लाल यादव, साहेबगंज से राजू कुमार सिंह और गौड़ाबौराम से स्वर्णा सिंह ने जीत हासिल की थी। मिश्री लाल यादव , राजू कुमार सिंह और स्वर्णा सिंह, मार्च 2022 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गई थी। इससे पूर्व नवंबर 2021 में मुसाफिर पासवान का निधन हो गया था। मिश्री लाल यादव और स्वर्णा सिंह को इस बार चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला है।

अलीनगर सीट से भारतीय जनता पार्टी ने लोक गायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2020 के चुनाव में वीआईपी के मिश्री लाल यादव ने राजद के विनोद मिश्रा को पराजित किया था। मिश्री लाल यादव ने हाल ही में भाजपा से इस्तफा दिया है और वह चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

गौडा़बौराम सीट से भाजपा ने विधायक स्वर्णा सिंह को बेटिकट कर उनके पति भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के पूर्व अधिकारी सुजीत कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2020 के चुनाव में वीआईपी उम्मीदवार स्वर्णा सिंह ने राजद के अफजल अली खान को पराजित कर दिया था।

वर्ष 2020 के चुनाव में एआईएमआईएम ने पांच सीटों बहादुरगंज, कोचाधामन, जोकीहाट, बायसी और अमौर विधानसभा में जीत दर्ज की थी। इनमें से चार सीटों बहादुरगंज, कोचाधामन, जोकीहाट और बायसी के विधायक बाद में राजद में शामिल हो गए थे। इस बार के चुनाव में इनमें से तीन सीटों बहादुरगंज, कोचाधामन और बायसी पर काबिज विधायकों को राजद ने बेटिकट कर दिया है।

बहादुरगंज सीट से राजद ने विधायक मोहम्मद अंजार नैयामी को बेटिकट कर दिया है। महागठबंधन में सीटों के तालमेल के तहत यह सीट कांग्रेस को मिली है।कांग्रेस ने यहां प्रोफेसर मुसव्विर आलम को प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2020 में एआईएमआईएम प्रत्याशी मोहम्मद अंजार नैयामी ने वीआईपी उम्मीदवार लखन लाल पंडित को पराजित किया था।

कोचाधामन सीट से राजद ने विधायक मोहम्मद इजहार आशफी को बेटिकट कर दिया है। राजद ने यहां पूर्व विधायक मुजाहिद आलम को उम्मीदवार बनाया है।वर्ष 2020 में एआईएमआईएम प्रत्याशी इजहार आशफी ने जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के उम्मीदवार मुजाहिद आलम को पराजित किया था। बाद में एआईएमआईएम के विधायक इजहार असफी राजद में शामिल हो गए। इस बार उन्हें चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला है।

बायसी विधानसभा सीट से राजद ने विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद को बेटिकट कर दिया है। राजद ने यहां पूर्व विधायक अब्दुस सुभान को उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2020 में एआईएमआईएम प्रत्याशी सैयद रुकनुद्दीन अहमद ने भाजपा के विनोद कुमार को पराजित किया था। सैयद रुकनुद्दीन अहमद ने बाद में एआईएमआईएम का साथ छोड़ राजद का दामन थाम लिया था।

वहीं साहेबगंज से भाजपा ने पर्यटन मंत्री और विधायक राजू कुमार सिंह, जदयू ने मटिहानी से विधायक राज कुमार सिंह और चैनपुर से विधायक और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खां को चुनावी रणभूमि में फिर से उतार दिया है, वहीं जोकीहाट से राजद ने विधायक शाहनवाज आलम को फिर से चुनाव लडने का मौका दिया है।

गौरतलब है कि वर्ष 2020 में राजू कुमार सिंह ने वीआईपी, राज कुमार सिंह ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), जमा खान ने बसपा और शाहनवाज आलम ने एआईएमआईएम के टिकट पर जीत हासिल की थी। बाद में राजू कुमार सिंह भाजपा, राज कुमार सिंह और जमा खान जदयू और शाहनवाज आलम राजद में शामिल हो गए थे।