दिल्ली सरकार ने वीरांगना झलकारी बाई कोली को प्रख्यात हस्तियों की सूची में शामिल किया

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने प्रख्यात हस्तियों की जयंती/पुण्यतिथि मनाने की योजना में वीरांगना झलकारी बाई कोली का नाम भी शामिल करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी गई। इस योजना के अंतर्गत डॉ. भीमराव अंबेडकर, संत रविदास, महर्षि वाल्मीकि, संत कबीर, संत गाडगे जी महाराज और संत दुर्बल नाथ जैसी प्रख्यात हस्तियां पहले से ही शामिल हैं।

गुप्ता ने बताया कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की इस योजना में उपरोक्त हस्तियों की जयंती और पुण्यतिथि के आयोजन के लिए विभाग की ओर से पहले ही वित्तीय सहायता दी जा रही थी। अब इसमें झलकारी बाई कोली को भी शामिल कर लिया गया है।

उन्होंने कहा कि वीरांगना झलकारी बाई कोली भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अदम्य शौर्यगाथा की प्रतीक हैं और दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें इस योजना में शामिल करना उनके योगदान को सम्मान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पंजीकृत गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को इन प्रख्यात हस्तियों की जयंती या पुण्यतिथि मनाने के लिए सहायता दी जाती है। प्रत्येक आयोजन के लिए अधिकतम 50,000 रुपए की वित्तीय सहायता निर्धारित की गई है।

दिल्ली सरकार का यह निर्णय भारत के इतिहास और सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय नायकों के योगदान को सम्मानित करने के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि झलकारी बाई कोली वीर स्वतंत्रता सेनानी और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की सबसे सम्मानित हस्तियों में से एक थीं और वह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना में कार्यरत थीं। वह अपने असाधारण साहस, अटूट देशभक्ति और नेतृत्व के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने झांसी की ऐतिहासिक घेराबंदी के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका जीवन औपनिवेशिक उत्पीड़न के विरुद्ध खड़ी भारतीय महिलाओं की शक्ति और वीरता का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग की गौरवशाली परंपराओं को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वीरांगना झलकारी बाई कोली को इस योजना में शामिल करना केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता की भावना को सशक्त करने वाला कदम है।