मुंबई। भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन निर्देशक संघ (आईएफटीडीए) ने कुछ मीडियाकर्मियों और पत्रकारों के खिलाफ हाल ही में बीमार और अस्पताल में भर्ती हुए दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र की निजता के कथित उल्लंघन के लिए पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है।
दरअसल, मंगलवार देर शाम दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र की मौत की झूठी अफवाह सोशल मीडिया पर फैल गई। जबकि अभिनेता के परिवार ने 12 नवंबर को पुष्टि की थी कि उनकी हालत स्थिर है और उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल से घर पर इलाज जारी रखने के लिए छुट्टी दे दी गई है। इस दौरान कथित तौर कुछ मीडियाकर्मी अस्पताल और अभिनेता के घर दोनों के बाहर लगातार मौजूद रहे, जिससे परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ा।
आईएफटीडीए के सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि आईएफटीडीए अध्यक्ष अशोक पंडित द्वारा 13 नवंबर को जुहू पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत में कुछ विशिष्ट डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े व्यक्तियों और फोटोग्राफरों पर अतिक्रमण और अनैतिक आचरण में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है।
कथित तौर पर ये दृश्य प्रचार और आर्थिक लाभ कमाने के लिए सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किए गए थे। आईएफटीडीए ने इन कृत्यों को निजता और मानवीय गरिमा का गंभीर उल्लंघन बताया है और कहा है कि इस घटना ने पहले से ही कठिन दौर में अभिनेता के परिवार को परेशान कर दिया है।
अपनी शिकायत में फिल्म संघ ने आरोप लगाया कि मीडियाकर्मियों के एक समूह ने बिना पूर्व अनुमति के धर्मेंद्र के निजी आवास में अवैध रूप से प्रवेश किया और परिवार के सदस्यों की सहमति के बिना उनकी तस्वीरें और वीडियो फुटेज लीं।
एसोसिएशन ने कहा कि इस तरह का व्यवहार भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के कई प्रावधानों के तहत आपराधिक अपराध है, जिसमें अनधिकृत प्रवेश, निजता का हनन और मानहानि शामिल है। इसमें आगे ज़ोर देकर कहा कि निजता का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित है और इसमें शामिल लोगों के कार्यों को मामूली नैतिक उल्लंघन मानकर खारिज नहीं किया जा सकता।
फिल्म और टेलीविजन उद्योग के निर्देशकों और रचनात्मक पेशेवरों का प्रतिनिधित्व करने वाले आईएफटीडीए ने इस उल्लंघन के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन ने मुंबई पुलिस से गहन जांच करने, इसमें शामिल व्यक्तियों और मीडिया संस्थानों की पहचान करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया है।
अपने बयान में आईएफटीडीए ने इस बात पर ज़ोर दिया कि फ़िल्म उद्योग की हस्तियां भी सभी नागरिकों की तरह क़ानूनी और नैतिक सुरक्षा की हक़दार हैं।
संगठन ने इस घटना को अमानवीय और अनैतिक मीडिया आचरण का उदाहरण बताया और चेतावनी दी कि इस तरह के कृत्य न केवल व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन करती हैं, बल्कि ज़िम्मेदार पत्रकारिता की विश्वसनीयता को भी कम करती हैं।



