जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य में पंचायत और नगर निकाय चुनावों में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 15 अप्रैल 2026 तक हर हाल में चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा की खंडपीठ ने शुक्रवार को यह भी आदेश दिया कि चुनावी परिसीमन की प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 तक पूर्ण कर ली जाए।
न्यायालय ने यह आदेश गिरिराज सिंह देवंदा और पूर्व विधायक संयम लोढ़ा की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिकाओं में कहा गया था कि सरकार ने संविधान और प्रासंगिक कानूनों का उल्लंघन करते हुए पंचायत एवं नगर निकाय चुनावों को अवैध रूप से टाल दिया, जबकि कई स्थानीय निकायों का कार्यकाल काफी पहले ही समाप्त हो चुका है।
नगर निकायों को लेकर संयम लोढ़ा की याचिका में कहा गया कि 55 नगरपालिकाओं का कार्यकाल नवंबर 2024 में ही समाप्त हो गया, लेकिन सरकार ने चुनाव की बजाय प्रशासक नियुक्त कर दिए।
अदालत ने स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक ढांचे को बनाए रखने के लिए निर्धारित समय में चुनाव कराना अनिवार्य है और सरकार को आदेशों का कड़ाई से अनुपालन करना होगा।



